आज के आधुनिक युग में महिलाएं भी पुरुषों की अपेक्षा हर कार्य करने में सक्षम है। महिलाएं जो चाहे वह कर सकती है चाहे वह देश की रक्षा करने वाले सैनिक का कार्य हो या फिर खेत में काम करने वाले किसान की, महिलाएं हर क्षेत्र में अपना और अपने देश का नाम गर्व से ऊंचा कर रही है। आज हम आपको एक ऐसी किसान महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, उन्होंने आधुनिक खेती करके दुनियाँ में मिसाल कायम किया है। आइए जाने उस किसान महिला के बारे में।
हिमाचल प्रदेश के टिहरी जिले के नरेंद्र नगर ब्लॉक के दुवाकोठी गांव की रहने वाली सीतादेवी ( Sita Devi) ने कीवी रानी के नाम से अपना पहचान बनाई है। इनके पति का नाम राजेंद्र सिंह है। इन्होंने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की है। सीता को बचपन से ही खेती में बेहद लगाव था। सीतादेवी जीतोड़ मेहनत एवं संघर्ष करके कीवी की खेती कर और किसानों के मुकाबले अधिक पैसा कमा रही हैं।
कीवी की खेती आया ख्याल
पहले उनके घरवाले और किसान परंपरागत हिमाचली खेती में मटर एवं आलू की खेती करते थे। लेकिन जंगली जानवर हमेशा उनके फसलों को नष्ट कर देते थे जिसके कारण पैदावार अच्छी नहीं होती थी। काफी खर्चा और मेहनत के बावजूद भी उन्हें खेती से कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था।

उन्हें आधुनिक खेती की ट्रेनिंग दी गई
हिमाचल प्रदेश के उद्यान विभाग द्वारा 2018 में आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सीता देवी ने भी हिस्सा लिया। प्रशिक्षण के माध्यम से सीता देवी ने कीवी की खेती की योजना के बारे में जाना और उन्होने कीवी की खेती करने का फैसला किया। शुरुआत में उन्होंने 33 पौधे लगाए और 2 वर्ष में उन्होंने 1 क्विंटल पैदावार प्राप्त किया।

पैदावार से मिला लाभ
उद्यान विभाग से कीवी के 33 पौधे मिले थे। सीता देवी ने इस पौधों को अपने बगीचे में लगाकर उनकी बेहतर देखभाल किया। उनके मेहनत एवं प्रयास से धीरे-धीरे उनका व्यापार बढ़ता चला गया जिससे उन्हें काफी मुनाफा भी हुआ। 2020 में अपने बगीचे में लगाए गए कीवी के उत्पादन का लक्ष्य 1 क्विंटल निर्धारित किया था जिसे उन्होंने पूरा किया।
परिवार वालों ने भी दिया साथ
अपने कीवी की खेती के दौरान शुरुआत में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा था। गांव के लोग भी सीतादेवी का मजाक उड़ाते थे लेकिन उनके परिवार वालों ने उनका पूरा सहयोग दिया। उनके पति राजेंद्र सिंह अपना टैक्सी चलाते थे। राजेंद्र सिंह काम करने के बाद बचे हुए समय में अपनी पत्नी के साथ खेत में उनका हाथ बढ़ाते थे। धीरे-धीरे उनके कीवी के खेती बढ़ती चली गई, जिससे उन्हें अच्छे पैसे मिलने लगे।

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किसानों के लिए बनी प्रेरणा
शुरुआत में जो किसान उन पर कीवी की खेती करने से हंसते थे आज वही किसान उनसे प्रशिक्षण लेने के लिए उनके घर तक जाते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग कीवी की खेती के बारे में सीतादेवी से जानकारी प्राप्त करते हैं। सीता ( pharmacy) के हौसले को देखकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना ने उनके बगीचे में 15000 लीटर पानी का भंडारण क्षमता का टैंक बनवा कर उन्हें सहयोग दिया। गांव के छोटे बड़े किसानों के लिए सीतादेवी प्रेरणा बन गई है।