अक्सर हम रोजाना नदी के बीचों-बीच बने पुल से होकर गुजरते हैं।
एक पुल के ऊपर हर-रोज सैकड़ो गाड़ियां गुजरती हुई पाई जाती हैं। इतना वजन होने के बावजूद भी पुल आराम से नदी के ऊपर खड़ा रहता है। पर आपने कभी सोचा है कि यह सब संभव कैसे हो पता हैं आइये जानते है इसके बारे में की कैसे नदी के ऊपर एक पुल का निर्माण हो पाता है।(How are bridges made over water)
नदी की ली जाती है जानकारी
किसी भी प्रकार का पुल बनाने से पहले उस नदी के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाती है जिसके ऊपर पुल को बनाना है।(How long does it take to build a bridge over water) जानकारी में पहले नदी के पानी के बारे में पता लगाया जाता है कि वह कितनी मात्रा में है। फिर नदी के मिट्टी के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जाती है।

योजना के साथ काम करना
पुल बनाने वाली कंपनियां योजनाबद्ध तरीके से काम करती हैं। जब जानकारी पूर्ण रूप से उन्हें मिल जाती है फिर पुल बनाने के काम में हाथ लगाया जाता है। सर्वप्रथम नीवं रखी जाती है जिसे Cofferdam कहा जाता है। यह ड्रम के जैसे होते है जिन्हें क्रेन की मदद से नदी में लगाया जाता है। Cofferdam बेहद मजबूत होते हैं और इनके अन्दर पानी प्रवेश नहीं कर पाता है।(Bridge piling in water) गहरी नदियों में इसका उपयोग नही किया जाता है।

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खोजबीन के साथ निर्माण
एक पुल के निर्माण के लिए ब्लॉक्स बनाए जाते हैं जिसे दूसरी साईट पर तैयार किया जाता है। उसके बाद इन ब्लॉक्स को नदी में बनाए गए पीलर्स के बीच में लगा दिया जाता है। हालांकि, कई पुल बिना पिलर के होते हैं जिससे बनाने की प्रक्रिया अलग होती है। इसके अलावा नदी पर पुल बनाने के लिए उसपर खोजबीन करना बेहद आवश्यक होता है। एक पुल को बनाने में जानकारी बहुत ही जरूरी है। जानकारी के बिना पुल के किसी भी चीज को नही बनाया जाता है।(Deepest water bridge)

आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। आप वीडियो के माध्यम से भी पुल बनाने की विधि को देख सकते हैं।