भारत एक ऐसा देश हैं जो पूरी तरह से प्रकृति संपन्न हैं। भारत में हर वर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। भारत के पास अपने पर्यटकों को देने के लिए वो सब कुछ है जो एक पर्यटक को इसकी ओर आकर्षित करता है।
भारत अपने सबसे सुंदर शहरों और द्वीपों में छुट्टियों का आनंद लेने के लिए जाना जाता है। यहां की हर दिशा में पर्यटकों के लिए पर्यटन का ख़जाना छिपा है। उत्तर में बर्फीले पहाड़ों से लेकर दक्षिण में स्थित झरने और समुद्र तक। पश्चिम के सुनहरे रेगिस्तानों से लेकर पूर्व की हरियाली तक यहां सब है। आज हम आपको एक भारत के ऐसे गुफा के बारे में बताएंगे जिसका महत्व महाभारत से जुड़ा हुआ है। आइये जानते है इस गुफा के रहस्य के बारे में।
व्यास गुफ़ा के बारे में
व्यास गुफ़ा उत्तराखण्ड के माणा गांव में स्थित है। यह भारत का आखिरी गांव है जो चीन की सीमा से लगा हुआ है। कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने इसी गुफ़ा में प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत तथा पुराणों की रचना की थी। इस गुफ़ा के निकट ही प्रसिद्ध गणेश गुफ़ा भी है। जिसका संबंध भगवान गणेश से है जिन्होंने व्यासजी के महाभारत के लेखक का कार्य किया था। यह प्रसिद्ध गुफ़ा सरस्वती नदी के तट पर स्थित है।

महाभारत से गुफा का संबंध
यहां पर द्रौपदी के नदी पार करने के लिए भीम द्वारा चट्टान रखकर पूल बनाया गया था। इसी पूल को पार कर पांडवों ने स्वर्ग की यात्रा शुरू की थी। इन सब प्रसिद्द स्थानों के अलावा माणा गांव में एक रहस्यमयी स्थान भी है। ये एक छोटी सी गुफा है। कहा जाता है कि ये वही गुफा है जिसमे रहकर महर्षि वेद व्यास ने हजारों वर्ष पहले अद्भुत महाकाव्य महाभारत की रचना की।

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गुफा के बारे में कई मान्यताएं
माणा गांव की इस गुफा को वेद व्यास गुफ़ा कहा जाता है। वेद व्यास गुफा के बारे में कई रहस्यमयी धारणा और मान्यताएं हैं। यदि आप इस गुफा की छत को देखेंगे तो लगता है कि जैसे बहुत से पन्नों को एक तह में जमाकर रखा है। मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास ने भगवान गणेश से महाभारत के वो पन्ने लिखवाए तो थे, लेकिन उसे उस महाकाव्य में शामिल नहीं किया और उन्होंने उन पन्नों को अपनी शक्ति से पत्थर में बदल दिया। इस अद्भुत संरचना के कारण ही इसे व्यास पोथी भी कहा जाता है।

बड़ी संख्या में पर्यटकों का आगमन
यहाँ लोग धार्मिक भावना से आकर पूजा-अर्चना करते हैं। व्यास गुफा सबसे लोकप्रिय पर्टयक स्थानों में से एक माना जाता है। जो एक अलग ही महत्व रखता है और देश के हर कोने से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। हर साल भारी मात्रा में सैलानी यहां घुमने के लिए और इस गुफा के दीदार के लिए आते है।