किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक में खेलना एक बड़ी बात होती है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक खेलें।
कितने सालों के मेहनत के बाद खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के बदौलत ओलंपिक में खेलने का मौका मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने जीते हुए ओलंपिक के मेडल को बेच दिया है। आइए जानते हैं कि उन्हें अपने जीते हुए मेडल को बेचने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
पोलैंड की खिलाड़ी ने बेचा अपना मेडल
पोलैंड की खिलाड़ी मारिया आंद्रेजेक ने अपना मेडल बेच दिया है। मारिया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता था। सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने अपने देश को गौरवान्वित महसूस कराया था पर एक बार फिर मारिया अपने इस कार्य के लिए लोगों के लिए प्रशंसा की पात्र बन गई हैं।
बच्ची का बचाने के लिए मेडल बेचा
मारिया दिल की बहुत नेक है। उन्होंने एक बच्ची को बचाने के लिए अपना मेडल बेच दिया। मारिया ने अपना मेडल 1 लाख 25 हजार डॉलर( 87.5 लाख रुपए) में एक पोलैंड की कंपनी को बेच दिया। उन्होंने यह नेक कार्य एक 8 साल की बच्ची को बचाने के लिए किया है। बच्ची दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित है।

यह भी पढ़ें: जानना ज़रूरी है: क्या सचमुच सोने से बना है नीरज चोपड़ा का गोल्ड मैडल
बच्ची के पिता चला रहे हैं कैंपेन
उस आठ साल की बच्ची का नाम मिवॉश्क है। बच्ची का बचाने के लिए 3 करोड़ रुपये की आवश्यकता है जिसके लिए उसके पिता एक ऑनलाइन कैंपेन भी चला रहे हैं। कई अस्पताल वालो ने इस बच्ची के इलाज के लिए मना कर दिया है। अब बच्ची को बचाने की आखरी उम्मीद अमेरिका के स्टैंडफर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर बचा है। मारिया को जैसे ही इस बच्ची के बारे में पता चला उन्होंने अपना मेडल बेचने की योजना बना डाली। उन्होंने अपना मेडल पोलैंड की कंपनी जब्का पोलस्का के पास बेच दिया।
कंपनी ने लौटाया मेडल
पोलैंड की कंपनी जब्का पोलस्का के पास मेडल बेचे जाने के बाद कंपनी ने मानवता का परिचय देते हुए मारिया को वह मेडल लौटा दिया है। यही नही कंपनी ने पूरी रकम को बच्ची के इलाज में लगा दिया है। अब लोग मारिया के साथ-साथ कंपनी जब्का पोलस्का की भी खूब तारीफ कर रहे हैं। जिस तरह मारिया ने बच्ची को बचाने के लिए अपना जीता हुआ मेडल नीलाम कर दिया यह काबिले तारीफ है। मारिया आंद्रेजेक की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।