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Sunday, April 2, 2023

हज़ारों टन के वजन के साथ करती है लैंड जहाज, फिर भी नही फटता टायर: जानिए क्या है

पिछले कुछ दशकों में हवाई यात्रा की लोकप्रियता बढ़ रही है। लोकप्रियता में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं और ये सुविधा और सुरक्षा है। हवाई यात्रा के बारे में सबसे बड़ा लाभ यह है कि यात्रा के अन्य साधनों की तुलना में स्थानों के बीच पहुंचना बहुत तेज है। हालाँकि इन स्थानों को हवाई मार्ग से जोड़ा जाना है। इससे हमें लंबी छुट्टियों का आनंद लेने में मदद मिलती है क्योंकि हमें यात्रा करने में कम समय देना पड़ता है। पर कभी आपने सोचा है की एक हवाई जहाज जो कि हजारों टन का वज़न लेकर आसानी से लैंड कर जाता है। लैंडिंग के वक्त इसके टायर में कोई समस्या नहीं होती।

क्योंकि हम हमेशा देखते है कि ज्यादा वजन से गाड़ियों के टायर फट जाते है पर हवाई जहाज के नही फटते ऐसा क्यों है तो आइए हम आपको बताते है ।

दरसअल विमान के टायर नाइट्रोजन से भरे होते हैं क्योंकि नाइट्रोजन गैस ज्यादातर निष्क्रिय होती है, जिसका अर्थ है कि इसे अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ऊंचे तापमान पर, ऑक्सीजन रबर के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है। ऑक्सीकृत रबर गैर-ऑक्सीडित रबर की तुलना में कमजोर है, और कमजोर टायर पसंद नहीं किए जाते हैं।

हवाई जहाज के टायर बिना ट्यूब और ट्यूब दोनों प्रकार के हो सकते हैं। वह विमान के वजन को उठाते हैं और ब्रेकिंग और शॉपिंग के लिए आवश्यक घर्षण प्रदान करता है। टायरों से लैंडिंग के झटके को अवशोषित करने और टेकऑफ रोलआउट और टैक्सी संचालन की समस्या को दूर करने में भी मदद मिलती है। आवश्यक रूप से संचालित करने के लिए विमान के टायर को सावधानीपूर्वक बनाए रखा जाना चाहिए। वह विभिन्न प्रकार के गतिशील तनाव को स्वीकार करते हैं और ऑपरेटिंग स्थिति की एक विस्तृत श्रृंखला में टायर पर निर्भरता बनी रहती हैं।

हवाई जहाज के टायर में रबड़ के साथ एल्युमीनियम और स्टील को भी मिक्स किया जाता है। इन सभी को मिलाकर हवाई जहाज के टायर को तैयार किया जाता है। और इसमें कार के टायर की बजाय 6 गुना ज्यादा प्रेशर से हवा भरी जाती है। इसलिए ये अधिक वजन के भार को सहन कर पाता है।

एक टायर से 500 बारे टेकऑफ और लैंडिंग की जाती है। इसके बाद 500 और बार इस्तेमाल करने के लिए इन टायरों पर ग्रिप चढ़ाई जाती है। इस तरह से एक टायर पर कुल सात बार ग्रिप चढ़ाई जाती है। इस तरह एक टायर से 3500 बार टेकऑफ और लैंडिंग होती है। इसके बाद ये टायर किसी काम के नहीं रहते।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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