आयुर्वेद शास्त्र में अश्वगंधा एक काफी मशहूर नाम है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी जैसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। जिससे कई तरह के रोग जैसे ह्रदय रोग, डायबिटीज और एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों को ठीक किया जाता है। अश्वगंधा महंगी एवं अति आवश्यक औषधियों में से एक है। जो सभी के घर में मौजूद होना चाहिए। आज हम आपको दर्शा साईं लीला (Darsha Sai Lila) के बारे में बताएंगे, वह लोगों को अश्वगंधा को घरों में आसानी से उगाने के तरीके बताती है।
अश्वगंधा के खेती के लिए गर्मी का महीना है सबसे अच्छा
दर्शा साईं लीला (Darsha Sai Lila) हैदराबाद (Hydrabad) की रहने वाली है। दर्शा अश्वगंधा (Ashwagandha) की खेती अपने छत पर करती है। अश्वगंधा के 500 से भी अधिक पौधे दर्शा अपने छत पर लगा चुकी है। भारत (India) में अश्वगंधा की खेती राजस्थान (Rajasthan), उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya pradesh), बिहार (Bihar) आदि कई राज्यों में की जाती है। दर्शा बताती है कि अश्वगंधा की खेती के लिए गर्मी का मौसम सबसे अच्छा होता है।

अश्वगंधा के बीज बाज़ार में आसानी से हो जाते है उपलब्ध
बाजार में अश्वगंधा के बीज आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। आप अगर अश्वगंधा के पौधे गमला में लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले अश्वगंधा के पौधे तैयार करने होंगे। बीज के ऊपर बालू की हल्की परत चढ़ाने से 1 सप्ताह के अंदर ही बीज अंकुरित होकर बाहर आने लगता है एवं लगभग 4 सप्ताह के बाद पौधे गमले में लगने लायक हो जाते हैं।

पौधों के बीच रखें 60, 70 सेमी. की दूरी।
इस बात का ध्यान रखना अति आवश्यक है कि पौधों के बीच 60 से 70 सेंटीमीटर की दूरी हो। पौधों में दूरी रखने से पौधों में समान पोषण मिलता है। अश्वगंधा के पौधे एक ही गमले में अधिक इकट्ठा करने से पौधे सूख जाते हैं। गर्मी के मौसम में 5 से 10 दिन के बीच सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसके पौधे 30 से 40 डिग्री तापमान में भी सूखने लगते हैं। पौधे में खरपतवार, गोबर वाली खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें इससे पौधों की वृद्धि में सहायता मिलती है।

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जड़ गिला कर देने से कटाई में आसानी होता है
6 महीने में अश्वगंधा का फसल पूरी तरह तैयार हो जाता है फसल तैयार हो जाने के बाद इसकी पत्तियां सूखने लगती है एवं इसके फल लाल हो जाते हैं। कटाई में आसानी के लिए इसकी जड़ गीली कर देनी चाहिए, इससे पौधे आसानी से उखाड़ सकेंगे। दर्शा साईं लीला के द्वारा बताए गए टिप्स से बहुत लोग प्रेरित होकर अश्वगंधा की खेती करने लगे हैं।