आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। भारत में शायद ही कोई ऐसा रसोई घर होगा, जहाँ पर आलू ना दिखे। इसकी मसालेदार तरकारी, पकौड़ी, चॉट, पापड चिप्स जैसे स्वादिष्ट पकवानों के अलावा अंकल चिप्स, भुजिया और कुरकुरे भी हर जवां के मन को भा रहे हैं। प्रोटीन, स्टार्च, विटामिन सी और के अलावा आलू में अमीनो अम्ल जैसे ट्रिप्टोफेन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन आदि काफी मात्रा में पाये जाते है, जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है।

आलू की खेती कर पा चुके है आवार्ड।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के महुआ गांव के रहने वाले भवरपाल सिंह तरह-तरह के फल, सब्जियों तथा अनाजों का उत्पादन कर रहे हैं। और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है। आलू की खेती करके ही इन्होंने अपनी पहचान बनाई है।
भवरपाल सिंह को नरेंद्र सिंह तोमर ने सर्वश्रेष्ठ आलू किसान के पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके अलावा उन्हें धान, गेहूं तथा मिर्च की खेती के लिए भी कई जिला स्तरीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। वह बताते हैं कि उन्हें पहले भी कई बार सम्मानित किया गया था। लेकिन यदि उनके गौरवपूर्ण दिन की बात किया जाए तो अक्तूबर, वर्ष 2013 को वर्तमान प्रधानमंत्री तथा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 500 जिलों के 500 किसानों में से उनकों सम्मानित किया। वह दिन भवरपाल के लिए सबसे खुशी का दिन था।
ऐसी विधि अपनाते है भवरपाल।
भवरपाल सिंह अब 80 से 100 एकड़ जमीन पर आलू की खेती करते हैं। वह लंबे समय तक एक ही खेती पर ध्यान देने को बोलते है । उनका कहना है जो भी खेती आप करते उसे दीर्घकालीन बनाए और उस खेती पर अच्छे से जोड़ दे । मेहनत करने से जरूर खेती अच्छी होगी और मुनाफा भी दोगुना होगा। आलू के उपजावार में समय भी कम लगता है और यह सरल भी है।

ऐसे तो आलू के कई विशेषताएं है। बात करे इसकी तो आलू विश्व का एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे शाकाहारी और मांसाहारी हर तरह के व्यंजन में इस्तेमाल किया जा सकता है। खासकर, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में इसका प्रयोग अमूमन हर तरह की सब्जी में किया जाता है।