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Wednesday, May 31, 2023

दो बेटों को खोया, पोती को पढ़ाने के लिए घर बेच दिया: ऑटो में ही खाते और सोते हैं देशराज

हर इंसान अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा देना चाहता है, जिससे उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। कई बार तो माता पिता को अपने बच्चों के पढ़ाई के लिए घर-बार भी गिरवी रखना पड़ता है, मेहनत मजदूरी भी करनी पड़ जाती है। माता पिता अपने बच्चों के लिए हर कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। आज हम एक ऐसे बुजुर्ग के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेच दिया।

देसराज जी मुंबई के रहने वाले हैं। वे मुंबई में ही ऑटो रिक्शा चलाने का कार्य करते हैं। देसराज जी के बड़े बेटे आज से 6 साल पहले अचानक लापता हो गए थे। वह अपने परिवार के लोगों को बता कर गए थे कि वो काम के लिए जा रहे हैं। लेकिन वो कभी भी फिर वापस नहीं आए। उसके वापस न आने से उनके परिवार के लोग उनकी चिंता करने लगे। गायब होने के 8 दिन बाद अचानक देसराज जी को अपने के बेटे की ला’श मिली। उनके परिवार में सबसे बड़े वही थे और बेटे की मृत्यु के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी देशराज जी पर ही आ गई थी। इसीलिए उन्हें अपने बेटे की मृत्यु के दुख में रोने का मौका भी नही मिला। वो इस कठिनाई भरे समय में भी टूटे नहीं और अपने परिवार के पालन पोषण के लिए ऑटो चलाने लगे।

इतनी कठिनाइयों को झेलने के बाद अभी भी उनके जीवन में इससे भी ज्यादा बुरा दिन देखना बाकी रह गया था। बड़े बेटे के गुजरने के बाद उनके छोटे बेटे ने आत्महत्या कर ली। देसराज जी कहते हैं कि जब वे ऑटो ड्राइव कर रहे थे तब उन्हे एक फोन आया- ‘प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आपके बेटे का श’व मिला है, उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।’ देसराज जी कहते है कि जिस बाप ने अपने दोनों बेटों की चिता जलाई हो, उस बाप के लिए उसके ज़िन्दगी में इससे बुरा क्या हो सकता है। अपने दोनों बेटों के गुजर जाने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटे। अपने पोती और पोतों के लिए खाने-पीने और स्कूल भेजने की सारी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। इस कठिनाई के समय में भी सोशल मीडिया पर इनकी मुस्कुराती तस्वीर वायरल हो रही है जो सभी के दिल छू जाती है। बहुत से लोग इनकी सहायता करने के लिए भी आगे आ रहे हैं।

देसराज जी ने अपने बेटों के गुजर जाने के बाद अपनी दोनो बहुओं और चार पोते-पोतियो की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है। उनके परिवार में कुल 7 लोग हैं। जिस समय उनके बेटे का देहांत हुआ उस समय उनकी बड़ी पोती 9वीं कक्षा में पढ़ती थी। उनकी पोती ने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पढ़ाई छोड़ने की बात कही लेकिन देसराज जी ने अपनी पोती को ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने अपनी पोती को भरोसा दिलाया कि उसे जितना पढ़ना है वह पढ़े, खर्च की चिंता बिल्कुल न करे। देसराज जी ने ज्यादा कमाई के लिए लंबी शिफ्ट में काम करना शुरू कर दिया। वो प्रतिदिन पैसे कमाने के लिए सुबह 6 बजे ही घर से निकल जाते और देर रात घर आया करते थे। उन्हें इस तरह 10 हज़ार हर महीने कमाई हो जाती थी। देसराज जी कहते हैं कि 6 हज़ार तो उनके पोते-पोतियो की फ़ीस में ही चले जाते हैं। 10 हज़ार में से 4 हज़ार बचता है उसी में उन्हें 7 व्यक्तियों का पालन पोषण करना पड़ता है।

कई बार उनके घर में खाने तक को नहीं होता था। वे जैसे तैसे गुजारा किया करते थे। वे कहते हैं कि पोती के 12 कक्षा में 80% रिज़ल्ट आने से वे अपने सारे दुख भूल गए और उन्हें लगा कि मेरे किए गए मेहनत का फल मुझे मिल गया। पोती के 80% आने से वे बहुत ज्यादा खुश थे इसीलिए उन्होंने अपने कस्टमर्स को उस दिन फ्री राइड कराया। उनकी पोती ने उनसे कहा कि वह दिल्ली के कॉलेज से B.Ed करना चाहती है। लेकिन परिवार की स्थिति बहुत ही खराब थी और उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह B.Ed की फीस दे पाते।

देसराज जी हर समय रूपये कमाने के बारे में सोचा करते थे क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनकी पोती का सपना टूटे। उन्होंने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर बेच दिया। घर बेचने के बाद उनके परिवार के सभी लोग गांव चले गए जहां उनके एक रिश्तेदार रहते थे। देसराज जी घर बेचने के बाद बेघर हो गए थे इसीलिए उनका खाना-पीना से लेकर सोना तक ऑटो में ही होता था।

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देसराज जी बताते हैं कि उनके जिंदगी में बहुत दुख है पर जब उनकी पोती फोन करके बताती है कि वह अपने क्लास में प्रथम आई है तब उनके सारे दुख दर्द मिट जाते हैं। वे कहते हैं कि मुझे उस दिन का इंतजार है जब मेरी पोती एक टीचर बन कर आएगी और उस दिन मैं उसे गले लगा कर कहूंगा कि मुझे तुम पर गर्व है। उनकी पोती उस परिवार की पहली ग्रेजुएट होंगी। जिस दिन उनकी पोती टीचर बनकर आएगी उस दिन फिर वह कस्टमर को मुफ्त ऑटो रिक्शा राइड कराएंगे।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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