मांसाहारी खाना हमारे शरीर की अहम ज़रूरत है। हम इंसान आदिकाल से ही Nonveg का सेवन करते आ रहे हैं। हालांकि समय के साथ हमने अपने खान-पान की आदतों में शाकाहार को भी शामिल किया है। लेकिन Nonveg खाना हमेशा से ही प्रचलन में रहा है।
Non Veg से हैं काफी फायदे
भारत को अगर छोड़ दें तो दुनिया के हर देश में Nonveg खाने को प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि Nonveg खाने से हमारे शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं। लेकिन भारत का आयुर्वेद Nonveg खाने के फायदों के अलावा मांस खाने से होने वाले नुकसानों पर भी रोशनी डालता है। आयुर्वेद ने भी माना है कि मांसाहार खाने से शरीर में प्रोटीन की पूर्ति होती है। मांस विटामिन्स का भी एक बढ़िया सोर्स है। मांस खाने से हमारे शरीर को विटामिन-B12 की प्राप्ति होती है। ये हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी और बेहद फायदेमंद भी होता है।

शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन बड़ी समस्या
लेकिन, अधिकतर लोग इसका सेवन नहीं करतें क्योंकि वे शाकाहारी होतें हैं। इसलिए जो शाकाहारी हैं, वे मछली या अंडा खाने से परहेज़ करते हैं जिससे उन्हें प्रोटीन की उतनी मात्रा नहीं मिल पाती। इसके निवारन के लिए IIT दिल्ली ने एक ऐसा समाधान निकाला है जिससे आप मीट, मछली का सेवन करके भी शाकाहारी कहलाएंगे और उचित मात्रा में प्रोटीन भी ले पाएंगे।

IIT Delhi ने निकाला समाधान
दरअसल IIT दिल्ली ने मॉक मीट, अंडा और मछली का निर्माण किया है। शाकाहारी व्यक्तियों के शरीर में प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्वों की भरपाई के लिए इन लोगों ने मांस के एनालॉग का निर्माण किया है। चिकन के लिए कुछ उत्पाद तैयार किए हैं। वहीं मछली के लिए भी इन्होंने सब्जियों और फल के पौधों का उपयोग किया है।

काव्या दशोरा ने किया है निर्माण
इसकी निर्माणकर्ता काव्या दशोरा है। जो कि IIT दिल्ली के फॉर ग्रामीण क्षेत्र के विकास और टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर है। इसके लिए इन्हें इनोवेशन फॉर SDG प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है। इस नए तकनीक से वैसे लोगों को अत्यन्त लाभ पहुचेगा जो मांस-मछली का सेवन नही करते।उनलोगों के लिए यह सचमुच वरदान साबित होगा।