एक ओर जहां खेती योग्य भूमि कम होती जा रही है वहीं खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। यह इसलिए भी जरूरी है कि बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्य समस्या से निपटना भी देश के सामने एक चुनौती है। खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए यह जरूरी है कि कृषि के साथ-साथ उससे जुड़े अन्य घटकों जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन, डेयरी आदि गतिविधियों को आपस में जोड़ा जाए। इसके बगैर खेती को लाभ के व्यवसाय में परिवर्तित करना संभव नहीं।
आज आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे है जो सिर्फ 2 पौधों से हर मौसम में 3 से 4 क्विंटल कीवी के फसल उगा रहें है।

कीवी में हैं अनोखे गुण
कीवी के बारे में कहा जाता है कि इस फल का केवल स्वाद ही अलग नहीं है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। कीवी फल का स्वाद मीठा और खट्टा होता है। कीवी फल देखने में भी बाकी फलों से बहुत अलग होता है। बाहर से यह भूरे रंग का जबकि अंदर से यह हरा होता है। इसके अंदर काले रंग के कई छोटे-छोटे बीज होते हैं।
मोहन सिंह लटवाल
उत्तराखंड के एक किसान मोहन सिंह लटवाल जो की अल्मोड़ा के हवालबाग स्थित गांव स्याहिदेवी के रहनेवाले हैं। इनकी उम्र 72 वर्ष से अधिक है।इन्होंने 7 हजार की उंचाई पर स्थित कीवी की खेती करने के उद्देश्य से वैज्ञानिको से सलाह लिया।उस समय वैज्ञानिकों ने कहा कि कीवी का उत्पादन सरल कार्य नहीं है। उन्होंने उनकी बात न मानकर कीवी की खेती के जिद पर अड़े रहें। उनकी जिद पर वैज्ञानिकों ने कीवी के सिर्फ 2 पौधें मोहन सिंह को दियें। उसके बाद मोहन सिंह अपने घर वापस लौट आये और कीवी के बेल के लिये 2 नाली जमीन को तैयार किया। कीवी के दोनों पौधों से वर्ष 2010 में पहली बार फल लगें और 2 क्विंटल का पैदावार हुआ। इस सीजन में 3 क्विंटल कीवी का उत्पादन हुआ है।

मोहन सिंह ने अपनी मेहनत और पौधों की सही देख-भाल से मुश्किल काम को आसान कर दिखाया। उन्होंने बताया कि उनके आत्मविश्वास ने उन्हें नया करने के लिये प्रेरित किये। वर्तमान में मोहन सिंह गांव में प्रवासियों और ग्रामीणों को जैविक तरीके से कीवी के उत्पादन के माध्यम से आर्थिक तौर पर मजबूत करने का गुण सिखा रहें है।
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