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Wednesday, May 31, 2023

MS धोनी के कुछ ऐसे मंत्रा, जो एक आम इंसान को भी बना सकते हैं हिट लीडर

महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है जिसे पूरी दुनियां के क्रिकेट प्रेमी जानते हैं। उन्होंने पूरी दुनियां में साबित कर दिया है कि हम भारत के लोग किसी से कम नहीं हैं। धोनी जितने अच्छे क्रिकेटर हैं, उससे ज्यादा अच्छे लीडर भी है। मैच के दौरान उनकी जबरदस्त लीडरशिप देखने को मिलती है जिसके कारण वह हारती हुई बाजी को भी पलट देते हैं। क्रिकेट अगर जेंटलमेन का गेम है तो इस गेम के मास्टरमाइंड कैप्टन कूल के नाम से प्रसिद्ध महेंन्द्र सिंह धोनी हैं।

छोटे से गांव से निकलकर विश्व प्रसिद्धि पाई

झारखंड के एक छोटे से गांव से निकलकर भारत को क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी की लीडरशिप की पूरी दुनिया कायल है। धोनी ऑनफिल्ड और ऑफफिल्ड दोनों जगह कई बार अपनी लीडरशिप की प्रतिभा दिखाई है। धोनी क्रिकेट की दुनिया के वो नायाब हीरा हैं जिसका कोई मोल नहीं है। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है।

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हार में भी नहीं खोते हौसला

जिस इंसान ने अपने बुरे वक्त को अच्छे से संभाल लिया और उनसे मिली सीख को अपना लिया उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। इस बात को प्रमाणित किया है महेंद्र सिंह धोनी ने। जिनके जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए लेकीन उन्होने बुरे वक्त को पूरी सूझ -बूझ के साथ पार किया है। यहीं कारण है कि आज महेंद्र सिंह धोनी भारत ही नहीं बल्की वर्ल्ड के बेस्ट क्रिकेट कैप्टन हैं।

टीटीई के रूप में काम किया

महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम में आगाज करने से पहले दो से तीन साल 2001-2003 तक खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट टीटीई का काम किया। यह कार्य उन्होंने अपने परिवार की खातिर किया था। वहां पर वह अपने सपने को मारकर नौकरी कर रहे थे। धोनी टीटीई की नौकरी तो कर रहे थे लेकिन वह अपने क्रिकेट के सपने को भूले नहीं। वह जॉब के बाद क्रिकेट के मैदान पर प्रैक्टिस किया करते थे। आखिरकार उनका 1998 में बिहार क्रिक्रेट टीम में चयन हुआ। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपना हौसला नहीं खोया और जीत हासिल की।

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सफल होने के बाद भी नहीं खोया होश

इस दुनिया में बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी सफलता को संभाल पाते हैं। सफल तो हर कोई होना चाहता है लेकिन सफलता को बनाए कैसे रखा जाता है महेंन्द्र सिंह धोनी इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। जबरदस्त सफलता हासिल करने के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी ने कभी भी सफलता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। बल्की वह और मेहनत करते गए। महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में भारत को दूसरी बार विश्व विजेता बनाया। श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में अंतिम बॉल पर छक्का जड़कर धोनी ने भारत को एक बार फिर वर्ल्ड कप जिताया। इसी के साथ वह भारत के सबसे सफल कप्तान बन गए। यही नहीं उन्होने 2014 में चैंपियन ट्रॉफी जीत कर सभी सीरीज को अपने नाम कर लीया। धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसीसी की सारी ट्रॉफियां भारत को जिताई है। महेंद्र सिंह धोनी पहले ऐसे विकटकीपर हैं जिन्होनें टेस्ट मैच में कुल 4 हजार रन बनाए थे इनसे पहले कभी किसी विकेटकीपर ने इतने रन नहीं बनाए थे। इस तरह धोनी ने टेस्ट मैचों में अपना रिकॉर्ड बना लिए थे। महेंद्र सिंह धोनी आज के समय में 20 से अधिक ब्रांड एंबेसडर है। वह क्रिकेट के मैदान पर ही नहीं बल्कि बाहर भी अपने प्रदर्शन से मार्केट के दुनिया पर राज कर रहे हैं। इतनी सफलता मिलने पर भी वो एक साधारण जीवन जीना पसंद करते हैं।

उतार- चढ़ाव के बाद भी घबराए नही

धोनी ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं पर उससे परेशान होने की बजाय उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर दुनिया को अपनी लीडरशिप दिखाई।

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अनुशासन का करते हैं पालन

धोना ना केवल कामयाबी मिलने से पहले बल्कि कामयाबी मिलने के बाद भी प्रैक्टिस करने से पीछे नहीं हटते। महेंद्र सिंह धोनी जब खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीटी का कार्य करते थे, वहाँ भी पूरी डिसिप्लिन के साथ रहते थे। और इतने थक जाने के बाद भी घर आने के बाद हर रोज क्रिकेट की प्रैक्टिस किया करते थे। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक धोनी अपना हर काम पूरे अनुशासन में रहते हुए ही करते हैं।

महेंन्द्र सिंह धोनी ने अपने प्रदर्शन और अपनी लीडरशिप से यह साबित कर दिया है कि सपने देखने के लिए किसी बड़े शहर या बड़े घर का होना जरूरी नहीं है। आप अपनी प्रतिभा को ही अपना करियर बना सकते हैं।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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