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Tuesday, June 6, 2023

ट्रेन यात्रियों को फ्री में मिल रहे हैं कंबल और तकिए, रेलवे के इस नए नियम को जरूर जान लें

ट्रेन (Train) की यात्रा सबसे सुलभ और आरामदायक होता है। इसमें कम खर्च में भी अधिक दूर तक यात्रा कर सकते हैं। कई ट्रेन की कोच (Coach) में सफर के दौरान यात्रियों को चादर और तकिया की भी सुविधा दी जाती है लेकिन अब भारतीय रेलवे के नए रूल के अनुसार यात्री दिए गए उस चादर और तकिए को अपने घर भी ले जा सकते हैं। आइए जानते हैं इस पूरे खबर के बारे में।

पहले नही थी यह सुविधा

दरअसल, ट्रेन में तकिया और चादर की सुविधा क’रोना (Corona) महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था। वही महामारी के कंट्रोल होने के बाद इस सुविधा को फिर से शुरू कर दिया गया है। लेकिन इस सुविधा को लेकर कुछ नए बदलाव भी किए गए हैं जिसके अंतर्गत सफर के दौरान इस्तेमाल किए गए तकिया और चादर को यात्री अपने घर भी ले जा सकते हैं।

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चादर, तकिए की बुकिंग

यदि कोई यात्री इस सुविधा का फायदा उठाना चाहते हैं तो टिकट बुक करते समय किराया के साथ-साथ तकिया, चादर और कंबल बुक करना होगा। इसके लिए आपको 300 रूपये प्रति व्यक्ति के अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। जिसमें आपको एक तकिया (70) रुपए, दो चादर (40) रुपए प्रति चादर और एक कंबल (180) रुपए दिए जाएंगे। सफर पूरा होने के बाद आप इसे अपने घर ले जा सकते हैं।

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दिल्ली में उपलब्ध है यह सेवा

फिलहाल यह सुविधा चेन्नई राजधानी, डिब्रूगढ़ राजधानी एवं नई दिल्ली से वाराणसी (Varanasi) के बीच चलने वाली महाराणा एक्सप्रेस में शुरू किया गया है जो सिर्फ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (Delhi Railway Station) पर ही उपलब्ध है।

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रेलवे ने दुबारा शुरू किया नियम

एसी (AC) कोच में मिलने वाली सुविधा को कोविड-19 के दौरान पूरी तरह बंद कर दी गई थी जिसके बाद यात्रियों को अपने घर से साथ तकिया और चादर लाना पड़ता था। लेकिन रेलवे ने एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए नए नियम के साथ यह सुविधा दोबारा शुरू कर दी है। इस नियम के तहत यात्रियों को सुविधा और सामान दोनों प्राप्त होंगे।

Shubham Jha
Shubham Jha
शुभम झा (Shubham Jha)एक पत्रकार (Journalist) हैं। भारत में पत्रकारिता के क्षेत्र में बदलाव लाने की ख्वाहिश रखते हैं। वह चाहते हैं कि पत्रकारिता स्वच्छ और निष्पक्ष रूप से किया जाए। शुभम ने पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से पढ़ाई की है। वह अपने लेखनी के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करते हैं।

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