भारत में गंगाजल की बहुत महत्ता है। लोग गंगा मैया को पूजते हैं। पर क्या आपको पता है कि गंगाजल में कई गुण विधमान हैं। कई देशों के वैज्ञानिकों ने भी इसके महत्व के बारे में बताया है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
अमेरिका में गंगाजल बहुत महंगा
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डॉलर में मिलता है। यह वहां इतना उपयोगी है कि इसे लेने के लिए लोगों को 250 डॉलर चुकाने पड़ते हैं। विदेशों में इसकी उपयोगिता का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। अमेरिका ही नही बल्कि अन्य देशों में भी इसकी महत्ता अधिक है।

गंगाजल कभी नही सड़ता
गंगाजल के गुणों में एक गुण यह भी है कि आजादी से पहले अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था।
बैक्टेरिया मारने की क्षमता
करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया।वैज्ञानिक भी मानते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की अद्भुत क्षमता है। लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई-कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है।
डॉक्टर नौटियाल ने किया अध्ययन
डॉक्टर नौटियाल अध्ययन के अनुसार गंगा जल में यह शक्ति गंगोत्री और हिमालय से आती है। गंगा जब हिमालय से आती है तो कई तरह की मिट्टी, कई तरह के खनिज, कई तरह की जड़ी बूटियों से मिलती मिलाती है। डॉक्टर नौटियाल ने परीक्षण के लिए तीन तरह का गंगा जल लिया था, उन्होंने तीनों तरह के गंगा जल में ई-कोलाई बैक्टीरिया डाला। नौटियाल ने पाया कि ताजे गंगा पानी में बैक्टीरिया तीन दिन जीवित रहा, आठ दिन पुराने पानी में एक एक हफ्ते और सोलह साल पुराने पानी में 15 दिन। यानी तीनों तरह के गंगा जल में ई-कोलाई बैक्टीरिया जीवित नहीं रह पाया।

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रोगाणुओं को मारने की क्षमता
गंगा के पानी में बैक्टीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफाज वायरस होते हैं। ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और बैक्टीरिया को मारने के बाद फिर छिप जाते हैं। गंगा को साफ रखने वाला यह तत्व गंगा की तलहटी में ही सब जगह मौजूद है। दूसरी ओर गंगा के पानी में वातावरण से आक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है।
इस तरह कई तरह के अध्ययनों से पता चलता है कि गंगाजल की गुणवत्ता कमाल की है।