जब भी देश को बचाने की बात आई है तो नारी शक्ति ने भी अपना दम-खम दिखाया है। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाए हैं। हमें उन महिलाओं को सलाम करना चाहिए जिन्होंने अपने रहते आर्मी की ताकत को दोगुना किया है। सेना में महिलाओं का योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता।
देश की सेवा के लिए महिलाओं ने अपना सर्वस्व सौंप दिया है। आज सेना में जाना महिलाओं की पसंद है। उनका झुकाव सेना के तरफ पहले से बहुत बढ़ा है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताएंगे जो एक लेक्चरर से प्रभावित हुई और इंडियन आर्मी में जाने का लक्ष्य बनाया और वहां जाकर दिखाया।
कौन है चंडीगढ़ की महिमा।
महिमा पंजाब की रहने वाली है।इनके पिता का नाम एन.के. सिंगला है। इनकी मां का नाम प्रतिभा है। पिता बिजली विभाग में कार्यरत हैं और इनकी मां हरियाणा में टूरिज्म विभाग में काम करती है।
सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की ।
महिमा ने 2020 सत्र में अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। उनका चयन शॉर्ट सर्विस कमीशन वूमेन टेक्निकल एंट्री बैच नंबर 26 के अंतर्गत हुआ है। महिमा का चयन इंडियन आर्मी द्वारा आयोजित की जाने वाली सीधे प्रवेश प्रक्रिया के तहत सिविल इंजीनियरिंग पूर्ण कर चुकी लड़कियों के लिए है जिसके लिए मात्र 3 पद होते हैं।

700 प्रतिभगियों में अव्वल हुई।
भारतीय सेना द्वारा आयोजित किये जाने वाले पदों के लिए लाखों की संख्या में सिविल इंजीनियर अपना आवेदन करते हैं। जिसमें से मात्र 700 लोगों की अल्प सूची तैयार की जाती है। ऐसे कठिन मुकाबले में महिमा ने पूरे भारत में पहला स्थान हासिल करके अपने परिवार का और महिला वर्ग का नाम रोशन किया है।
सेना में अफसर बनेंगी।
महिमा ने यह उपलब्धि अपने प्रथम प्रयास में प्राप्त की है, जिससे उनका परिवार काफी प्रसन्न है। महिमा द्वारा अपने कठिन प्रयासों से प्राप्त की गई इन उपलब्धियों के बाद उन्हें लगातार अपने परिवार और दोस्तों से बधाइयां मिल रही है। उनका शुरू से ही भारतीय सेना में जाने का सपना था जिसे उन्होंने प्राप्त किया है। उनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का पद मिलेगा।
दुनिया के सभी मां-बाप का यह सपना होता है कि उनके बच्चे खूब पढ़ाई करें और परिवार का और देश का नाम रोशन करें। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है महिमा ने। हम सभी को महिमा से प्रेरणा लेने की जरूरत है।