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Wednesday, May 31, 2023

सिर्फ 7 आमों की रखवाली के लिए रखे गए हैं 4 गार्ड एवं 6 कुत्ते: जानिये आम में ऐसा क्या है खास

आज हम आपको आम के एक ऐसे किस्म के बारे में बताएंगे जिनकी रखवाली करने के लिए लाठी वाले दादाजी नहीं बल्कि 6 खूंखार कुत्ते और 4 गार्ड लगे हुए हैं। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है इन आमों में खास।

मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर में एक ऐसा बाग है जिसके मालिक ने आम के दो पेड़ो को 4 गार्ड और 6 खूंखार कुत्तों के जरिए विशेष सुरक्षा दिया है। इन आमों में खास बात यह है कि यह आम भारत में दुर्लभ है और दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक है। आप सोच रहे होंगे कि आमों को इतनी कड़ी सुरक्षा कौन देता है लेकिन यह सामान्य आम नहीं है, यह एक विशेष आमों में से एक है।

यह आम जापान का लाल रंग वाला आम ‘मियाजाकी’ है। इस आम को लोग सूर्य के अंडे के रूप में भी जानते हैं। इस आम को दुनिया का सबसे महंगा आम का दर्जा मिला हुआ है। इस आम के बारे में किसान कहते हैं कि यह आम पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 2.70 लाख रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा गया था। किसान दंपत्ति संकल्प परिहार और रानी परिहार बताते हैं कि इस आम के पौधे को जबलपुर के अपने बगीचे में वे आज से तीन साल पहले लगाए थे।

रानी परिहार बताती हैं कि शुरुआत में उन्हें भी आम की इतनी बड़ी कीमत के बारे में नहीं पता था। पहले इस दंपत्ति को अपने पेड़ पर दो लाल रंग का आम का फल दिखाई दिया जब उन्होंने इसके बारे में जानकारी इकट्ठा की तब इन्हें पता चला कि यह जापानी आम मियाजाकी है।

जब लोगों को इन आमों की कीमत के बारे में पता चला तो चारों तरफ से लोगों ने बाग पर हमला बोल दिया। कुछ लोग 2 आम और पेड़ की डालियां चुरा ले गए यही कारण है कि इन्हें कड़ी सुरक्षा देनी पड़ी। वह बताते हैं कि किसी तरह पेड़ को बचाने से कामयाब हुए हैं। इस साल उन्होंने अपने पेड़ की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किया है। इस बार पेड़ में सिर्फ 7 आम हैं फिर भी इसकी सुरक्षा के लिए 4 गार्ड एवं 6 शिकारी कुत्ते को रखा गया है।

किसान दंपति बताते हैं कि वे अपने बगीचे के लिए पौधों की खरीदी करने चेन्नई जा रहे थे तब उन्हें ट्रेन में एक पैसेंजर ने यह पौधा दिया और कहा कि इसे अपने बच्चे की तरह पालना और सेवा करना। तब उन्हें पता नहीं था कि यह इतना विशेष पौधा है उन्होंने इस आम के बारे में जाने बिना रोप दिया।

जब पेड़ में फल लगा तो वे लोग देखकर हैरानी में पड़ गए इसीलिए उन्होंने अपनी मां का नाम दामिनी पर ही इस फल का नाम रख दिया। बाद में जब उन्हे इस फल का असली नाम पता चला फिर भी वे इसे दामिनी ही कहते है।

खरीददार इस आम की खासियत जान कर इस पेड़ की बड़ी कीमत देने को तैयार है। उनका कहना है की वे इस आम के पेड़ को किसी से नहीं बेचेंगे। और पौधे उगाने में इसका उपयोग करेंगे। विशेषज्ञो के अनुसार यह आम अफगानिस्तान के नूरजहां आम के बाद अपने स्वाद के वजह से बहुत चर्चा में है।

आखिर हाइब्रीड आम इतने महंगे क्यों होते है, इसके बारे में किसी को पता नहीं है। इसके बारे में अभी और जानकारी की जरूरत है

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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