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Sunday, April 2, 2023

कमजोर अंग्रेज़ी की वजह से मज़ाक उड़ता था, कड़ी मेहनत करके बन गईं IAS

हम जो चाहे वह कर सकते हैं बस हौसले बुलंद होने चाहिए। यूपीएससी जैसी बड़ी से बड़ी परीक्षाएं पास कर सकते हैं। मेहनत अगर सच्चे दिल से की जाए जो सफलता हमें मिलना ही है। आज हम एक ऐसी लड़की के बारे में जानेंगे जो अपनी जिंदगी में हजार मुश्किलें आने पर भी अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत यूपीएससी की परीक्षा पास करके दिखाई।

IAS सुरभि गौतम मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमदरा गांव की रहने वाली है। सुरभि के पिताजी MP मईहर कोर्ट में वकील है और उनकी माँ हाई स्कूल में अध्यापिका है। सुरभि एक हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई की है जहां उन्हें बिजली, किताबें और दूसरे सुविधाएं नहीं मिलते थे। ऐसी स्थिति वाले स्कूल में पढ़ने के बावजूद सुरभि ने दसवीं कक्षा में 93.4% हासिल की थी। सुरभि को गणित और विज्ञान विषय में 100 में से 100 अंक प्राप्त हुए थे। 93.4% रिजल्ट होने पर सुरभि का नाम मेरिट लिस्ट में आया था।

जब सुरभि 12वीं कक्षा में थी तब उन्हे Rheumatic बुखार हो गया था। बुखार के कारण सुरभि को 15 किलोमीटर 15 दिनों तक डॉक्टर से चेकअप करवाने जाना पड़ता था। इतनी खराब स्थिति होने पर भी सुरभि ने अपना ध्यान पढ़ाई पर से नही हटाया। 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुरभि स्टेट इंजीनियरिंग की परीक्षा भी पास कर गई और वह भी अच्छे अंकों से। सुरभि भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में दाखिला ली। इंजिनियरिंग कॉलेज में जाने के बाद सुरभि की जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी क्योंकि उस कॉलेज के बच्चे ज्यादातर इंग्लिश मीडियम से पढ़े थे और सुरभि हिंदी मीडियम से पढ़ी थी।

सुरभि की अंग्रेजी कमजोर थी। पहले तो इस वजह से सुरभि को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उसे हीन भावना का शिकार बनना पड़ा लेकिन फिर बाद में वह अपने पढ़ाई पर ध्यान देने लगी और अपने अंग्रेजी को भी इंप्रूव करने की कोशिश में लग गई। सुरभि अपने अंग्रेजी सुधारने के लिए प्रतिदिन 10 वर्ड मीनिंग याद करती थी। याद किये वर्ड के मीनिंग को दिन में बहुत बार दोहराती थी ताकि सभी के याद किए हुए मीनिंग उसे हमेशा याद रहे और उसे दोहराने के लिए वह अपने दीवारों पर भी लिख देती थी। इंग्लिश सीखने का जुनून सुरभि के अंदर सवार हो गया था।सुरभि अपने सपनों में भी इंग्लिश में ही बात करती थी।

सुरभि अपने इंग्लिश सुधारने के बाद पहले ही सेमेस्टर में टॉप कर गई। टॉप करने के बाद कॉलेज के चांसलर ने सुरभि को अवार्ड भी दिया। सुरभि अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान देती थी। वह किसी तरह के लालच से खुद को दूर रखती थी और हर हमेशा पढ़ाई में ही लगी रहती थी। वह किसी तरह से अपने पढ़ाई के काल को फालतू काम करने में नहीं बिताया करती थी। वह हर समय कोई ना कोई अपने पढ़ाई से ही जुड़े कार्य किया करती थी। दोस्तों के साथ घूमने या फिर मूवी देखने भी नही जाती थी। इस सब कामो के बजाय सुरभि सिर्फ अपने पढ़ाई पर ही फोकस करती थी।

पढ़ाई के साथ सुरभि पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर भी ध्यान देती थी। TCS की जॉब उन्हे कॉलेज प्लेसमेंट से समय ही मिल गई थी लेकिन सुरभि का लक्ष्य ये नहीं कुछ और ही था। सुरभि कुछ और करना चाहती थी इसीलिए सुरभि जॉब ज्वॉइन नहीं की। सुरभि ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC, दिल्ली पुलिस जैसे बहुत से कम्प्टिसन एग्जाम में अच्छे अंकों से पास कर गई। 2013 में सुरभि ने IES परीक्षा दी और ऑल इंडिया लेवल में 1st रैंक लायी थी लेकिन सुरभि का सपना तो कुछ और ही था। 2016 में सुरभि ने UPSC की परीक्षा दी और IAS बन गयी। IAS सुरभि गौतम को पढ़ाई का बहुत शौक था लेकिन उनमें बहुत सारी हॉबिज भी थी, जैसे कविता लिखना, पेन्टिंग करना, स्केचिंग, रंगोली, कढ़ाई-बुनाई इत्यादि।

सुरभि मल्टी टैलेंटेड है। सुरभि पढ़ाई के साथ-साथ अपने हॉबिज पर भी ध्यान देती थी। सुरभि को अपने हॉबिज को करना बहुत पसंद था। सुरभि उन सभी बच्चों के लिए मिसाल कायम की है, जो सोचते है कि सरकारी स्कूल में पढ़े है, कुछ नही कर सकते या हिंदी मीडियम से पढ़े है, हमसे कुछ नही होगा। हम अगर कुछ करने का ठान ले तो सफलता हमे हासिल होगी ही, हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही रहेंगे। हम हिंदी मीडियम के होते हुए भी अपनी अंग्रेजी अच्छी कर सकते है, अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है बस जुनून होनी चाहिए कुछ कर दिखाने की। स्कूल से कुछ नही होता पढ़ाई में अच्छा होना जरूरी है।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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