हमें कई बार जमाने को देखते हुए अपने हुनर को छोड़ना पड़ता है। बहुत तकलीफ होती है जब हमारे अंदर कोई हुनर हो और उसे पहचानने वाला कोई न हो। पैसे कमाने की होड़ में कहीं न कहीं हमारा हुनर दब कर ही रह जाता है। हम अपने हुनर को नहीं निखार पाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने काम के साथ-साथ अपने हुनर पर भी पूरा ध्यान देते हैं। आज हम एक ऐसी महिला पुलिसकर्मी के बारे में जानेंगे जिनका गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उत्तराखंड की रहने वाली सोनिया जोशी को कविता लिखना और गायकी का बहुत शौक है। सोनिया जोशी एक पुलिसकर्मी होने के साथ-साथ अच्छी गायिका भी हैं।
सोनिया के पिता आइटीबीपी में और मां गृहिणी हैं। उन्हें अपने पिता से देशभक्ति की प्रेरणा मिली है। सोनिया ने तलवाड़ी से बीएससी करने के बाद बीएड किया है। वे 2016 में पुलिस में भर्ती हो गईं थीं। सोनिया स्कूल के समय से ही एंकरिंग करती आ रही हैं। स्कूल के हर प्रोग्राम में एंकरिंग की जिम्मेदारी उन्हे ही मिलती थी। सोनिया पुलिसकर्मी के भी हर प्रोग्राम में एंकरिंग करती हैं। सोनिया को ट्रेनिंग के दौरान आईजी अशोक कुमार का सहयोग मिला जिनसे उनकी प्रतिभा और निखर सकी और उनकी हुनर को सबने सराहा। सोनिया को चमोली जिले के एसपी यशवंत सिंह और कर्णप्रयाग थाना प्रभारी एसएचओ गिरीश चंद्र शर्मा का भी साथ मिला।

सोनिया को बचपन से ही गाने का शौक था फिर भी वह देश सेवा करना चाहती थीं। सोनिया ने देश सेवा करने के लिए पुलिस फोर्स ज्वाइन किया। सोनिया को गाने की प्रेरणा लोक गायक अरविंद भारद्वाज से मिली है। सोनिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि उनका गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो या ना हो लेकिन लोग खाकी वर्दी का सम्मान करें। लोग पुलिसकर्मियों को इज्जत दें। पुलिसकर्मियों का भी फर्ज है कि वे लोगों की बात ध्यान से सुनें और उनसे अच्छे से बात करें। सोनिया आगे कहती हैं कि इंसान भावनाओं का पुतला है। इंसान भावनाओं से बंधा होता है। कई बार इंसान के अल्फाज बोलने या समझने में कम पड़ जाते हैं लेकिन कविता एक ऐसा माध्यम है जिससे हम अपनी बातों को कविता के तौर पर व्यक्त कर पाते हैं।
देखें उनकी वीडियो
सोनिया द्वारा लिखी गई कविता हमारे अंदर के खाकी के प्रति सम्मान को और बढ़ा देता है। सोनिया का एक नया गाना “खुद तो खुद ही बचा लो” लांच होने वाला है। सोनिया को अपनी खाकी वर्दी से बहुत प्यार है और साथ ही साथ उन्हे गायकी और कविता लिखने से भी बहुत प्यार है। वे कहती हैं कि जरूरी नहीं है कि हम अपने हुनर के बदौलत ही जिंदगी में आगे बढ़ें, कुछ करें। कुछ करने के साथ-साथ भी हम अपने हुनर को और निखार सकते हैं। कभी-कभी परिस्थिति कुछ ऐसी हो जाती है कि हमें अपने हुनर को छोड़ना पड़ता है और परिवार के लिए कुछ और करना पड़ता है। पर परिवार भी हमें अपने हुनर को छोड़ने के लिए नहीं कहता। सोशल मीडिया के जरिए भी हम अपनी पहचान बना सकते हैं।