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Friday, March 24, 2023

भारत के शान प्रवीण जाधव को पड़ोसी कर रहे परेशान, कर रहें ये शर्मनाक हरकत

23 जुलाई को शुरू हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों का समापन रविवार को हुआ। टोक्यो ओलंपिक भारत के लिए यादगार रहा है।

भारत ने ओलंपिक में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। भारत ने एक गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज समेत 7 मेडल जीता। पर आज हम आपको भारत के एक ओलंपिक खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। आइये जानते है इस मामला के बारे में।

ओलंपिक खिलाड़ी के परिवार को मिल रही धमकियां

कोई भी खिलाड़ी अपने मेहनत के दम पर ओलंपिक तक का सफर तय करता है। इस सफर में उसे कई चुनौतियों को सामना करना पड़ता है। चुनौतियों के साथ खिलाड़ी अपने देश के लिए जान की भी बाजी लगा देते हैं। ऐसे में एक मामला सामने आया है जिसमें अपने पहले ओलिंपिक से लौटे भारतीय तीरंदाज प्रवीण जाधव के परिजनों को ईर्ष्यालु पड़ोसी से धमकियां मिल रही हैं।

धमकी भरे आ रहे है फोन

प्रवीण का घर महाराष्ट्र के सातारा जिले में साराडे गांव में है। उन्हें अपने पड़ोसी से धमकी भरे फोन आ रहे हैं। जाधव के द्वारा यह कहा गया है कि उनके पड़ोस के परिवार से पांच छह लोग आकर उनके माता-पिता, चाचा-चाची को धमका रहे है। प्रवीण अपने घर की मरम्मत कराना चाहते हैं पर उनके पड़ोसियों से द्वारा यह कार्य जबरदस्ती नही करने दिया जा रहा है।

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पड़ोसी के द्वारा अलग लेन की मांग

प्रवीण जाधव के परिवार के चार सदस्य झोपड़ी में रहते थे लेकिन उनके सेना में भर्ती होने के बाद उन्होंने पक्का घर बनवा लिया। पर उनके पड़ोसियों द्वारा एक अलग लेन की मांग की जाने लगी। प्रवीण ने यह मांग को पूरा किया पर अब उनके पड़ोसी उन्हें घर की मरम्मत करने से रोक रहे हैं।

प्रवीण जाधव ने मांगी मदद

पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के चुने जाने के बाद से ही उनके पड़ोसी उनके परिवार को ईर्ष्यालु भरे नजरों से देखते है। ऐसे में उन्होंने सेना के अधिकारियों से मदद मांगी है। सातारा जिले के एसपी अजय कुमार बंसल ने जाधव के परिवार की पूरी मदद का वादा भी किया है। आर्मी कर्नल का फोन आने के बाद उन्होंने अपने लोकल इंचार्ज को जांच के लिए भेजा था।

प्रवीण ने किया है काफी संघर्ष

प्रवीण का आधा जीवन गांव में नाले के किनारे बनी झुग्गियों में बीत गया। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे। लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य के आगे कभी भी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। मेहनत और जज्बे के दम पर वह कर दिखाया जिसका सपना भारत का हर खिलाड़ी देखता है। प्रवीण के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो किसी खेल एकैडमी में ट्रेनिंग ले पाते। फिर भी प्रवीण ने हिम्मत नहीं हारी और अपने गांव में लकड़ी के बने तीर-कमान से निशान लगाने का अभ्यास करते रहे। आज इसी लकड़ी के धनुष की दम पर प्रवीण तीरंदाजी में भारत की तरफ से ओलंपिक में भाग लिया।

ऐसे में एक प्रतिभावान खिलाड़ी के परिवार वालों को धमकाना एक छोटी सोच को दर्शाता है।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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