कल पूरे देश ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया।
कल का दिन इसलिए भी खास था क्योंकि देश आजादी के 75वीं वर्षगांठ को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तौर पर मना रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी का 75वां वर्ष मनाने के लिए मार्च 2021 में गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ शुरू किया था, जो 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा। इसी बीच पीएम के एक घोषणा से पाकिस्तान के द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। आइये जानते है इस घोषणा के बारे में।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अगस्त को भारत में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने की घोषणा की गई है। ज्ञात हो कि 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना आजादी दिवस मनाता है। पीएम मोदी के इस घोषणा से कई लोग सहमत है तो बहुत लोग इस घोषणे से खुश नही हैं। पाकिस्तान ने तो इसे शर्मनाक बताया है।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम मोदी के घोषणा “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” को शर्मनाक बताया गया है। इसकी कड़ी आलोचना करते हुए पाकिस्तान की लगातार प्रतिक्रिया सामने आ रही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “भारतीय प्रधानमंत्री ने साल 1947 की घटनाओं के बारे में जो ट्वीट किया है, उससे यह साबित होता है कि कोई भी आधुनिक देश अपने आप से ऐसे विरोधाभास ज़ाहिर नहीं करता जैसा कि तथाकथित ‘दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र’ कर रहा है।
ट्वीट पे ट्वीट कर रहा पाकिस्तान
इस घोषणे के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा लगातार ट्वीट करके इसकी आलोचना की जा रही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, “यह शर्मनाक है कि ‘हिंदुत्व’ विचारधारा को मानने वाले, नफ़रत और हिंसा को बढ़ावा देने वाले अब पाखंडपूर्ण ढंग से 1947 में आज़ादी के दौरान भारी विस्थापन और त्रासदीपूर्ण घटनाओं को इतने एकतरफ़ा तरीके से उठा रहे हैं।

ये रही पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की पत्रिका
As for Indian Prime Minister’s tweet about the events of 1947, no modern state is so much in contradiction with itself as the Indian state – the so-called “largest democracy”. 1/3 pic.twitter.com/S9iNxLAjhm
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) August 14, 2021
As for Indian Prime Minister’s tweet about the events of 1947, no modern state is so much in contradiction with itself as the Indian state – the so-called “largest democracy”. 1/3 pic.twitter.com/S9iNxLAjhm
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) August 14, 2021
As for Indian Prime Minister’s tweet about the events of 1947, no modern state is so much in contradiction with itself as the Indian state – the so-called “largest democracy”. 1/3 pic.twitter.com/S9iNxLAjhm
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) August 14, 2021
वैसे भारत के लोगों ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, देखें ट्वीट्स-
I’m a child of partition @narendramodi Sir,.my father was a doctor then. Till he passed away the horrors of what he witnessed then never left him. May we always remember what we allowed the white colonists do to us. May we never forget. Thank you #PartitionHorrorsRemembranceDay https://t.co/sO5u3bTywZ
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) August 14, 2021
To observe 14th Aug as the #PartitionHorrorsRemembranceDay is the best possible way to remind ourselves what communalism can lead to. What happened during the partition is a lesson for us and we must always reject all forms of divide be it caste, creed, religion or race. Jai Hind https://t.co/OJGWGZpubx
— Mir Junaid (@MirJunaidJKWP) August 14, 2021
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आरएसएस-बीजेपी पर लगाए आरोप
पाकिस्तान के द्वारा बीजेपी और आरएसएस पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि “इतिहास को ग़लत तरीके से पेश करना और सांप्रदायिकता को भड़काना आरएसएस-बीजेपी शासन की दक्षता है। जख़्मों पर मरहम लगाने की बजाय वो चुनावी फ़ायदे के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं।” उन्होंने ये बातें अपना बयान जारी कर के कहा है।
भारत के लोगों ने पीएम की प्रशंसा की
वहीं दूसरी तरफ इस फैसले को लेकर भारत के लोगों के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की प्रशंसा की जा रही है। लोगों की प्रतिक्रिया है कि देश के विभाजन के दर्द से गुज़रने वाले लोगों की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया जाना काबिले तारीफ है। भारत के लोग इस फैसले को स्वागत योग्य बता रहे हैं। पीएम मोदी ने भी कल लाल किले से इस फैसले का दोबारा जिक्र किया है। इस फैसले के बाद अब हर साल 14 अगस्त को
“विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” मनाया जाएगा।