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Saturday, March 25, 2023

‘तुम्हें रत्ती भर भी शर्म नहीं आती’ जानिए ऐसे मुहावरों में प्रयोग होने वाला रत्ती आखिर है क्या?

लगभग हर घरों में ‘रत्ती भर’ शब्द को मुहावरे के रूप में काफी इस्तेमाल किया जाता है। पर क्या आपने कभी सोचा है की आखिर यह रत्ती शब्द आया कहाँ से है। और आखिर असल में अगर यह कोई वस्तु है तो आखिर यह दिखती कैसी है। आज हम आपको ‘रत्ती’ से जुडी कुछ जानकारियाँ देने वाले हैं। वैसे इसका मतलब निकालने की अगर हम कोशिश करें तो ‘रत्ती’ का अर्थ थोड़ा या कम होता है। पर रत्ती असल में क्या होता है आइये जानते हैं।

रत्ती एक प्रकार का पौधा

रत्ती एक प्रकार का पौधा होता है। इसके लाल और काले रंग के दाने होते हैं। इससे जुडी एक और अजीब बात यह भी है कि पहले यह आपको एक किसी मोती की तरह सख्त लगेगा लेकिन पक जाने के बाद इसकी स्थिति ऐसी हो जाती है के यह खुद ही पेड़ से गिर जाता है। अधिकतर इसे पहाड़ी क्षेत्रों में देखा जाता है और उसे क्षेत्रीय भाषा में ‘गूंजा’ नाम से जाना जाता है। इसमें अंदर देखने पर मटर जैसे फली या दाने होते हैं पर मटर या चने के अनुसार इसके दाने काफी छोटे होते हैं।

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मापने के लिए किया जाता था उपयोग

रत्ती के बारे में खोजबीन की गई तो पता चला कि इसका इस्तेमाल प्राचीनकाल में सोने और चांदी जैसी मूल्यवान वस्तुओं को मापने में भी किया जाता था। और यह चलन एक लम्बे वक्त तक था। इसके पीछे का कारण इसकी एक अनोखी खासियत थी, इसकी आयु में कितना भी अंतर आने के बाद इसके वजन पे इसका कोई भी असर देखने को नही मिलता है। यूं कहें तो यह कितना भी पुराना हो जाए इसके वजन पर रत्ती भर भी असर नही पड़ने वाला है। यही कारण है कि यह लम्बे वक्त तक कीमती वस्तुओं को मापने का एक बहुत ही अच्छा पैमाना बना रहा।

मुँह के छालों के लिए असरदार

रत्ती के गुणों में एक गुण यह भी है कि यह मुँह के छालों के लिए काफी असरदार होता है। रत्ती के पत्ते चबाने से मुंह के बुरे से बुरे छाले भी ठीक हो जाते हैं। इसकी जड़ भी सेहत के लिए अच्छी होती है। कई लोग रत्ती का माला भी पहनते हैं। कहा जाता है कि इसे पहनने से इंसान सकारात्मक सोच से परिपूर्ण रहता है। इंसान के आस-पास नकारात्मक चीज नही आती। यह सकारात्मक ऊर्जा को इंसान के आस-पास बनाए रखता है।

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आज भी कई जगह रत्ती का इस्तेमाल

आज भी कई जगहों पर रत्ती का इस्तेमाल किया जाता है। कई जौहरी अपने कीमती सामान को मापने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। पुराने ज़माने में आज की तरह वस्तु को तोलने के लिए आधुनिक मशीनें नहीं थीं। लेकिन, सोने का चलन उस वक्त भी था और सोने को मापने के लिए इन्हीं रत्ती के दानों का इस्तेमाल किया जाता था। आज भी कई जगह सोने को मापने के लिए रत्ती का इस्तेमाल किया जाता है।

रत्ती के मुहावरों को जानते हुए आज आपने रत्ती के पौधे के बारे में भी जाना। हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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