सैनिक का कर्तव्य देश की रक्षा करना होता है। हर सैनिक देश के लिए शहीद होना चाहता है। आज हम आपको एक ऐसे वीर शहीद सैनिक के बारे में बतायेंगे जिनके शहीद होने के बाद भी उनकी आत्मा देश की रक्षा में जुटी हुई है।
बाबा हरभजन सिंह
बाबा हरभजन सिंह की आत्मा 52 साल पहले शहीद होने के बाद भी देश की रक्षा में जुटी हुई है। यह सच्चाई सिक्किम में काफी प्रचलित है। इस बात की चर्चा भारत-चीन सीमा पर सबसे ज्यादा होती रहती है।

1968 में हुए थे शहीद
दरअसल, वर्ष 1968 में हरभजन सिंह नाम के एक सैनिक शहीद हो गए थे लेकिन उनकी लाश का पता नहीं चल सका। यहीं से उनकी कहानी की शुरुआत हुई। काफी मशक्कत के बाद भी उनकी लाश नहीं मिल पाई। फिर एक दिन बाबा हरभजन सिंह एक सैनिक के सपने में आये और अपने लाश का पता बताया। बताई गई जगह से उनकी लाश को बरामद किया गया।

तब शुरू हुआ सपने में आने का सिलसिला
उसी समय से किसी न किसी सैनिक के सपने में आना और कोई न कोई बात बताने का सिलसिला शुरू हुआ। एक सैनिक के सपने में आकर बाबा हरभजन सिंह ने अपनी एक समाधि बनाने के लिए कहा तो उनकी समाधि बनाई गई। आज भी उनकी आत्मा चीनी सेनाओं के गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए रखती है, इस बात का सबूत खुद भारत और चीन की सेना ने महसूस भी किया है।

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चीन पर रखते हैं नज़र
चीन की तरफ से कोई गतिविधि होती है तो वह तुरंत ही किसी न किसी के सपने में जा कर इस बात की जानकारी देते हैं और उन्हें आगाह कर देते हैं। इस प्रकार की ड्यूटी पिछले 52 वर्षों से वह कर रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से सैलरी भी दी जाती है। ऐसे महान सेना जिनकी आत्मा भी अपने देश की रक्षा करती है उन्हें हमारे देश की तरफ से शत-शत नमन है। ऐसे जांबाज सिपाही भारत माता के आंचल में ही जन्म लेते हैं।