खेलों का महाकुंभ यानी ओलंपिक हर चार साल पर होता है। लेकिन क’रोना वा’यरस म’हामारी के कारण 2020 में इसका आयोजन नहीं हो सका। अब साल भर की देरी के बाद जापान के टोक्यो में इसका आयोजन हो रहा है।
इसी बीच ओलंपिक की एक खबर आई है कि दीपक पुनिया जो की गुरुवार को अपना मैच हार गए थे इससे नाराज उनके रूसी कोच ने रेफरी पर हमला कर दिया। आइये जानते है इस घटना के बारे में।

कोच ने किया रेफरी पर हमला
दीपक के रूसी कोच मुराद गेदारोव ने रेफरी को पटखनी दे दी। वह रेफरी से इतना नाराज थे कि अपने गुस्से को काबू नही कर सके और रेफरी के रूम में जाकर हमला कर दिया। दअरसल वह अपने खिलाड़ी दीपक के परिणाम से नाखुश थे इसलिए उन्होंने रेफरी को ही पटखनी दे दी। इस घटना के बाद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने गेदारोव का अक्रेडेशन खत्म कर दिया है।

यह भी पढ़ें: पाइए पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा, खरीदिये 1 बार चार्ज में 25 किमी चलने वाली ई-साइकिल
आखिरी समय में दीपक का सपना टूटा
दीपक पूनिया गुरुवार को 86kg वर्ग में सेन मरीनो के पहलवान नाज़िम मेलेस के खिलाफ मुकाबला खेल रहे थे। इस मैच में नाज़िम ने दीपक को 3-1 से हराया। लेकिन यह मुकाबला इतना शानदार था कि मैच खत्म होने से 10 सेकेंड पहले तक दीपक को इस मुकाबले में जीत का बड़ा दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने पूरे मैच में सेन मरीनो के पहलवान को पछाड़े रखा। आखिरी 10 सेकेंड्स में दीपक का मेडल का सपना टूट गया। कोच को यह लगा कि रेफरी के कारण ही दीपक हारे है। कोच मुराद गेदारोव दीपक के परिणाम से नाखुश थे।

कोच मुराद गेदारोव पहले भी कर चुके है ऐसा
कोच मुराद गेदारोव के द्वारा पहले भी ऐसे कारनामे किए जा चुके है। रूसी कोच मुराद गेदारोव ओलम्पिकस में बतौर खिलाड़ी भी ऐसा ही करते थे। 2004 के एथेंस ओलम्पिक में उन्हें अपने विरोधी खिलाड़ी पर मैच के बाहर हमला करने की वजह से निकाल दिया गया था। इस तरह हम समझ सकते है कि कोच मुराद गेदारोव का विवादों से पुराना नाता रहा है।

यह भी पढ़ें: आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने बताई पुराने मंत्रियों को हटाने की वजह, सामने आई ये नई बात
कोच की शिकायत की गई
कोच मुराद गेदारोव के इस मामले की शिकायत वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से की है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस घटना के लिए माफी मांगी है। साथ ही उन्होंने रूसी कोच की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इस तरह एक कोच का रेफरी के साथ ऐसा बर्ताव बिल्कुल शोभनीय नही है। पर अब रूसी कोच को इसकी सजा मिल चुकी है।