गुरु का महत्व उनके शिष्यों को भली भाँती पता होता है। अगर गुरु नहीं तो शिष्य भी नहीं, अर्थात गुरु के बिना शिष्य का कोई अस्तित्व नहीं होता है।
प्राचीन समय में गुरु अपनी शिक्षा गुरुकुल में दिया करते थे। गुरु से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात शिष्य उनके पैर स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेते थे। गुरु का स्थान माता- पिता से अधिक होता है। आज हम आपको पटना के ऐसे ही गुरु के बारे में बताएंगे जिन्होंने शिक्षा जगत में अपने छात्रों के लिए मात्र 11 रुपये गुरु दक्षिणा लेकर कई गरीब बच्चों को IAS-IPS बनाया है। आइये जानते है उनके बारे में।
गुरु रहमान का परिचय
गुरु रहमान इस नाम का शोर आज बिहार के कोने-कोने में है। गुरु रहमान एक ऐसे शिक्षक है जिन्हें शिक्षा जगत में अपने अतुलनीय योगदान के लिए पहचाना जाता है। पटना के नया टोला में एक छोटे से किराए के कमरे में उन्होंने अपने शिक्षण संस्थान की शुरुआत की थी। पर आज गुरु रहमान के पढ़ाए गए सैकड़ो छात्र-छात्राएं आईएएस-आईपीएस बनकर देश का नाम रौशन कर रहे हैं।

आर्थिक रूप से कमजोड़ बच्चों के लिए व्यवस्था
पटना के नया टोला में स्थित अदम्य अदिति गुरुकुल संस्थान से उन्होंने ऐसे बच्चों को शिक्षा दी है जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोड़ थे। यहाँ दूसरे कोचिंग की तरह लाखों रुपये नही वसूले जाते हैं। गरीब छात्रों के लिए यहाँ 11 रुपये की दक्षिणा ली जाती है। पर अब यह 51 रुपये हो गई है। इतने कम रुपये में गुरु रहमान द्वारा किया गया कार्य अत्यंत सराहनीय है।

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गुरुकुल में वेद की पढ़ाई भी
गुरु रहमान मुश्लिम जाती से हैं पर उन्होंने एक हिन्दू लड़की से शादी की है। इसके लिए उनके समाज में उनका बहिष्कार भी किया गया। इससे उन्हें कहि नौकरी भी नही मिल पा रहा था। पर गुरु रहमान को इनसब चीजों से कोई फड़क नही पड़ा। वह शिक्षा जगत में अच्छा करना चाहते थे। गुरु रहमान वेद के भी ज्ञाता हैं। उनके गुरुकुल में वेद की पढ़ाई भी होती है। गुरु रहमान एक पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे होने के नाते एक आईपीएस अधिकारी बनना चाहते थे। बाद में उन्होंने छात्रों को शिक्षा देने के लिए अपनी कोचिंग की स्थापना की।

11 रुपये लेकर छात्रों को शिक्षा दिया
गुरु रहमान ने गरीब बच्चों की काफी मदद की है। उनके पास एक बार एक छात्र मार्गदर्शन के लिए आया था। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। इसी वजह से वह बड़े कोचिंग सेंटर में नहीं जा सकता था बच्चा बहुत ही प्रतिभाशाली था। तभी रहमान ने उस लड़के से ₹11 फीस लेकर उसे मार्गदर्शन दिया था। आज वह छात्र ओडिशा के नुआपाड़ा के जिला कलेक्टर है। गरीब छात्र-छात्राओं के लिए उनका किया गया कार्य अतुलनीय है।

आज हैं बेहद लोकप्रिय
गुरु रहमान आज पूरे बिहार में बेहद लोकप्रिय हैं। आज उनसे हर कोई शिक्षा ग्रहण करना चाहता है। गुरु रहमान की एकेडमी से 10,000 से ज्यादा छात्र शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। जिनमें से 3,000 छात्र सब इंस्पेक्टर, 60 आईपीएस अधिकारी और 5 आईएएस अधिकारी और अन्य पदों पर हैं। शिक्षा जगत में उनके द्वारा किए गए कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।