हर इंसान के जीवन मे उसका अपना एक लक्ष्य होना चाहिए। और अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव प्रयास भी करना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी शादी छोड़ कर चली गई।
आईये जानते है प्रज्ञा तिवारी के बारें में
प्रज्ञा तिवारी गोंडा के रामनगर के बाराबंकी की रहने वाली है। वह अपनी शादी के मंडप को छोड़ नौकरी की काउंसलिंग में चली गई । ऐसा करना हर किसी के लिए संभव नही है। शादी में आये रिस्तेदार एवं बाराती उनके बारें में क्या कहेंगें उन्होंने इस बात की कोई परवाह नही की। शादी के दिन 5 बजे जैसे ही सिंदूरदान हुआ उन्होंने मंडप छोड़ अपने मेहंदी से रचे हुए हाथो में डाक्यूमेंट्स को संभालते एवं फॉर्म फिल करते हुए चली गई। वह अपने पति से सिंदूर लगवाकर गोंडा बीएसए ऑफिस पहुंच गई जहाँ उनकी काउंसलिंग होनी थी।

अपने करियर को अपने शादी से ऊपर रखा
प्रज्ञा के चेहरे पर खुशी की लहर चमक रही थी। उनके बालो में लगे गजरे और भी सुशोभित लग रहे थे। उनका मानना है की उनके लिए करियर ज्यादा मायने रखता है। मंडप में दूल्हा तो इंतजार कर सकता है लेकिन नौकरी के लिए काउंसलिंग इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने अपने दुल्हे को लकी माना है, उनकी जिंदगी में आने के बाद प्रज्ञा को सरकारी नौकरी मिल गयी।

कॉउंसलिंग के बाद लौट आयी घर और खुशी-खुशी अपने पति के साथ हो गयी विदा
काउंसलिंग के बाद प्रज्ञा लौट कर घर आयी और अपने पति के साथ खुशी-खुशी विदा हो गई। प्रज्ञा अपने इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय अपने माता-पिता को देती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी भी प्रज्ञा के इस साहस को देख कर बहुत खुश हुए। और उन्होंने प्रज्ञा को बधाई देते हुए कहा कि कल शादी और आज नौकरी लग गई। आज प्रज्ञा बेसिक शिक्षा विभाग गोंडा में शिक्षिका के पद पर नियुक्त हैं। प्रज्ञा के माता-पिता सभी पैरेंट्स से अपील करते है कि वो अपनी बेटी को पढ़ाए ताकि वो सेल्फ डिपेंड हो सके।