छलांग लगाकर आसानी से पेड़ों पर चढ़ जाता है, जानवरों की भाषाएं बोलता है: लोग इसे असली ‘मोगली’ कहते हैं

आजकल जंगल बुक के मोगली के बारे में कौन नहीं जानता। आजकल का हर बच्चा इस मोगली के बारे में पढ़ा भी है और टेलीविजन पर देखा भी है। लेकिन हम आपको एक ऐसे असली मोगली के बारे में बताने जा रहे हैं जो अफ्रीका में रहता है। पूर्वी अफ्रीका के रवांडा में एक ऐसे असली मोगली रहता है जो अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए 20 मील प्रति दिन चलता है।
Microcephaly नामक डिसऑर्डर से ग्रस्त है.

पूर्वी अफ्रीका में जो मोगली रहता है वह 21 वर्ष का है। उसका नाम अली है। अली को microcephaly नामक डिसऑर्डर है । इस डिसऑर्डर में इंसान का सिर दूसरे लोगों की अपेक्षा ज्यादा बड़ी या ज्यादा छोटी हो जाती है इसलिए लोग एली को मोगली बुलाते हैं ।
अपनी मां के लिए है बहुत खास.
अली की मां अली से पहले अपने पांच बच्चों को खो चुकी है। इसीलिए अली उनके लिए बहुत खास है। अली की मां को हमेशा यह तकलीफ रहती है कि उनका बेटा स्कूल नहीं जा सकता और सामान्य बच्चों की तरह बाहर भी नहीं जा सकता। क्योंकि बाहर के बच्चे अली को बहुत परेशान करते हैं। जब अली स्कूल जाता था तो बाहर के बच्चे उसे चिढ़ा चिढ़ा कर तंग कर देते थे । इसलिए उसने स्कूल जाना छोड़ दिया।
चैनल के जरिए फंड एकत्रित होता है.
अली की मां ने एक इंटरव्यू वाला चैनल स्टार्ट की है जो कि afrimaxx टीवी के द्वारा चालू किया गया है। इस चैनल के माध्यम से उनके परिवार की मदद की अपील की गई है जिसका नाम रखा गया है GO FUND ME । यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है उनके परिवार के मदद के लिए।

3958 डॉलर आ चुके हैं फंड में.
एक कहावत है कि इंसान मर जाता है लेकिन इंसानियत कभी नहीं मरती। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिलती है तब भगवान मदद करते हैं। अली को $3958 का फंड के माध्यम से सहायता मिल चुका है। इससे अली का जीवन पहले से बेहतर हो जाएगा।
भेदभाव न करने की अपील .
हम अपने सभी पाठकों को एक सलाह देना है कि भेदभाव की भावना को कभी भी प्रोत्साहित ना करें । हमारा जीवन तभी सफल है जब हम किसी की मदद करते हैं। अली(Ealli)को बेहतर जीवन के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं.