सिंध नदी की बाढ़ में, भिंड जिले के बहे एक भैंस को छुड़ाने के लिए एस पी को फोर्स भेजनी परी। इस भैंस को गांव के कुछ युवकों ने सरपंच के साथ मिलकर बचा लिया। उसके बाद उसे बांध लिया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर वायरल होते ही भैंस के मालिक को इसकी खबर हुई। उसके बाद भैंस के मालिक ने सरपंच से भैंस छोड़ने की बात कही लेकिन बात नहीं बनी। तब मालिक ने एसपी को शिकायत की, शिकायत के बाद एस पी ने सरपंच को जब फोन किया तो सरपंच ने भैंस को वापस करने से मना कर दिया तथा एसपी को सीधे- सीधे मुकदमा दर्ज करने की बात कह डाली।
लोगों का कहना था कि इस भैंस ने गांव में काफी तबाही मचाई है। भैंस के बदले मांगी 35 हजार रुपए पनहाई। भैंस मालिक राहुल सिंह ने बताया कि वो जब अपनी भैंस को लेने के लिए बिछौली गांव पहुंचे तो देखा कि वहां बाढ़ में बहकर आई आधा दर्जन से ज्यादा भैंसे बंधी हुई थीं। राहुल सिंह ने भैंस को पकड़ने वाले दोनों युवकों जिनके कि नाम राजवीर व राजेन्द्र बताए गए हैं भैंस वापस देने के लिए कहा तो दोनों ने साफ इंकार कर दिया। इसके बाद वो भारौली थाने पहुंचे और टीआई को पूरी बात बताई। टीआई ने एक एसआई को भेजकर भैंस वापस दिलाने के लिए कहा, लेकिन एसआई के साथ राहुल भैंस लेने गांव पहुंचे तो गांव में भैंस नहीं मिली। बाद में भैंस के बदले उनसे 50 हजार रुपए पनहाई की मांग की गई। भैंस मालिक गांव के कुछ बुजुर्गों को लेकर फिर से बिछौली गांव पहुंचा और पंचायत बुलाई जिसमें 35 हजार रुपए पनहाई देकर भैंस को वापस देने की बात तय की गई। अपनी ही भैंस के बदले पैसे देना राहुल सिंह को मंजूर नहीं था लिहाजा वो एसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचे और पूरी घटना बताई।

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एस पी ने सरपंच को फोन कर भैंस को छोड़ने के लिए कहा तो पहले तो सरपंच विक्रम सिंह मामले से अंजान बनने लगे, लेकिन जब एसपी ने मुकदमा दर्ज कराने की बात कही तो सरपंच ने दबंगई दिखाते हुए कहा कि मुकदमा दर्ज कराना है तो करा दो लेकिन भैंस वापस नहीं करूंगा। सरपंच के इस जवाब के बाद एसपी ने रौना थाना प्रभारी को निर्देश दिए जिसके बाद रौन थाना प्रभारी दल बल के साथ बिछौली गांव पहुंचे और सरपंच को पकड़कर थाने चलने लगी। तब कहीं जाकर राहुल सिंह राजावत को उनकी भैंस वापस मिल पाई।