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Sunday, April 2, 2023

जानिए लुटेरे सिक्के से ट्रेन कैसे रोक देते हैं? क्यों बढ़ रही है इस तरह की लूट-मार की घटनाएं?

ट्रेन का सफर बहुत ही आरामदायक और आनंददायक होता है। हम सभी बचपन से ट्रेन में सफर करते आ रहें हैं। आपने ट्रेन में सफर के दौरान यह देखा होगा की हमारी ट्रेन लाल रंग के सिग्नल होने पर रुक जाती है। यह लाल रंग का सिग्नल हमें यह संदेश देता है कि रुक जाओ। फिर हरा सिग्नल होने पर ही ट्रेन आगे की ओर बढ़ती है।

इस लाल रंग के सिग्नल से जुड़ा एक मामला सामने आया है। जहाँ कुछ लुटेरे रेलवे सिग्नल को लाल करके ट्रेन में लूट-पाट करके भाग जाते थे। आइये जानते है इस घटना के बारे में।

सिक्के से रोकते थे ट्रेन

शाजापुर पुलिस ने ऐसे शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है। जो सिक्के के सहारे से ट्रेन के सिग्नल से छेड़छाड़ करते थे। और फिर उसे ग्रीन से रेड सिग्नल में बदल देते थे। आधी रात को एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी और लूट करने वाले गिरोह का शाजापुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। यह आरोपी लंबी दूरी के ट्रेनों में लूट करते थे। इनके पास से आधा किलो सोना और लूट का अन्य सामान भी मिला है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी सिक्के की मदद से ट्रेन को रोककर वारदात करते थे।

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सिक्को को फसाने से सिग्नल लाल हो जाता था

लुटेरों द्वारा बड़ी चालाकी से इस घटना को अंजाम दिया जाता था। लुटेरे सिक्के की मदद से हरे सिग्नल को लाल कर देते थे। दरअसल पटरियों के जरिए ही इंडियन रेलवे सिग्नल भेजता है। इस सिग्नल प्रणाली को ऑटोमैटिक स्टॉप सिग्नल कहते हैं। रेल की पटरी ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सेक्शन की कई सीरीज में बंटी रहती है। रेल पटरियों में हर ज्वाइंट के पास मौजूद छोटी सी जगह सर्किट ब्रेकर के रूप में काम करती है और इसी वजह से सिग्नल ग्रीन रहता है। इस खाली जगह में सिक्का रखने से यह हरे से लाल में तब्दील हो जाता था। फिर यह लुटेरे घटना को अंजाम देते थे।

अभी तक दो अपराधी गिरफ्तार हुए

इस मामले में पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। शाजापुर रेलवे पुलिस ने हरियाणा के पंजाबी कॉलोनी निवासी दीपक और तिलक नगर निवासी राहुल वाल्मीकि को गिरफ्तार किया है। इनके कारनामों को देखकर पुलिस भी दंग रह गई। दरअसल पुलिस ने इस घटना के ट्रेन रोकने वाले सीन को रीक्रिएट करवाया था। रीक्रिएट सीन को देखकर पुलिस को भी विश्वास नही हुआ कि यह लुटेरे इतने बड़े शातिर हैं।

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कई दिनों से दे रहे थे घटना को अंजाम

यह दोनों लुटेरे कई दिनों से इस अपराध को अंजाम दे रहे थे। यह लगभग 15 मिनट तक हर लंबी दूरी के ट्रेन में लूटपाट करते थे। जब रेलवे का कोई स्टाफ आसपास नही होता था तो यह बिना डरे ट्रेन में प्रवेश कर जाते थे और यात्रियों को डराकर लूटपाट कर भाग जाते थे। ऐसी घटना भारत में पहले भी कई जगहों पर हो चुकी है। भारतीय रेलवे को इस बारे में सोचना चाहिए। सिग्नल के तकनीक में बदलाव लाके संभवतः इस अपराध को आगे रोका जा सकता है।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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