पिछले कुछ वर्षों से सौर ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ा है। वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप सौर उर्जा को घरेलू तथा व्यावसायिक उपयोग हेतु प्रयोग किया जा रहा हैं। घरेलू उपयोग में खासकर प्रकाश, सौर कुकर आदि के लिए कोई विशेष उपकरणों की भी आवश्यकता नहीं होती हैं। जबकि इसके व्यावसायिक उपयोग हेतु बिजली उत्पादन कर उपयोग सम्भव हैं। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने स्वदेशी मॉडल अपनाकर अपने गांव में सोलर प्लांट लगा दिया है। अब गांव वालों को बिजली के साथ ही खेती में भी मदद मिल रही है।
आमोद पंवार का परिचय।
आमोद पंवार उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ स्थित इंद्रा टिपरी गांव के रहने वाले है। उन्होंने आपदा को अवसर में बदला है। आमोद ने क’रोना के दौर में सौर ऊर्जा का ऐसा प्लांट स्थापित किया है जो स्वरोजगार का आधुनिक मॉडल है। इसमें उन्होंने 200 किलोवाट बिजली उत्पादन के साथ-साथ प्लांट क्षेत्र में सब्जी उत्पादन, मौन पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन भी शुरू किया है।

मुख्यमंत्री ने भी की तारीफ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आमोद पंवार के स्वरोजगार के आधुनिक मॉडल से प्रभावित हुए। उन्होंने आमोद के कार्यों की बेहद सराहना की है। दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 30 सितंबर 2020 को आमोद के सौर ऊर्जा स्वरोजगार के मॉडल को देखने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने आमोद के इस बेहतरीन प्रयास की बहुत सराहना भी की थी।

बंजर भूमि पर शुरू किया प्लांट।
आमोद के पास जमीन का एक बड़ा हिस्सा बंजर पड़ा हुआ था। वह उस बंजर भूमि का उपयोग करना चाहते थे। तब उन्होंने सोलर प्लांट लगाने का निश्चय किया। उन्होंने वर्ष 2019 में सोलर प्लांट योजना के लिए आवेदन दिया। आमोद ने योजना को भूमि पर उतारने के लिए 80 लाख का लोन भी लिया। पूरे देश में क’रोना के लॉ’क’डा’उन लगने के 1 दिन पहले अर्थात 23 मार्च को आमोद पंवार का 200 किलो वाट का प्लांट ग्रिड से जुड़ा तथा प्रोडक्शन का कार्य प्रारंभ हो गया था।

बिजली का अच्छा उत्पादन हुआ।
प्लांट से अभी तक सवा दो लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो चुका है। इस प्लांट के माध्यम से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली आने वाले 25 यूपीसीएल की खरीद करेगा। इस वक्त 4.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद हो रही है।
आज के युवाओं को आमोद से प्रेरणा लेने की जरूरत है।