मारिया बीजू : केरल की दिव्यांग महिला, जो विकलांगता को हराकर बनी डॉक्टर…
एक कहावत है जिनका हौसला बुलंद हो उन्हें एक ना एक दिन मंजिल अवश्य मिलती है ।आज हम ऐसी ही महिला डॉक्टर की बात करेंगे जिनका डॉक्टर बनने का ही सफर संघर्ष से ही नहीं भरा है बल्कि पूरा जीवन ही संघर्ष से भरा है .
उस महिला डॉक्टर का नाम है मारिया बीजू। जहां साधारण लोगों के लिए सफलता पाना मुश्किल होता है वहां मारिया बीजू असाधारण होते हुए भी सफलता प्राप्त की।
Paralyzed होने के बाद भी पढ़ाई के प्रति लगन कम ना हुई.
मारिया बीजू केरल की रहने वाली है।25 वर्ष के उम्र में ही वे एक दुर्घटना में paralyzed हो गई उसके बाद उनके शरीर का नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर दिया । इस दुर्घटना के बाद मारिया बीजू का व्हीलचेयर ही सहारा था। वह हमेशा व्हीलचेयर पर ही रहती थी। लेकिन इस घटना का असर अपनी पढ़ाई पर कभी भी पढ़ने नहीं दी। ऐसी स्थिति में भी MBBS की पढ़ाई करके डॉक्टर बनी। और आज डॉक्टर बनके समाज की सेवा करने में लगी है।
मारिया व्हीलचेयर पर होने के बावजूद बनी डॉक्टर.
मारिया बिजू का डॉक्टर बनने का सफर बहुत ही ज्यादा कठिन था। लेकिन उनका हौसला कभीभी उन्हें रुकने नहीं दिया। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए कॉलेज और परिवार ने उन्हें पूरी मदद की.
कॉलेज ने उन्हें राइटर की मदद भी अलाउड कर दी लेकिन मारिया भी लिखने का प्रयास हमेशा जारी रखी। मारिया बीजू की ऐसी लगन और दृढ़ संकल्प ने विकलांगता को हराकर डॉक्टर बनने में उन्हे सफलता दिलाई.
वास्तव में इनका हौसला काबिले तारीफ है और इनके हौसले के लिए एक लाइक और शेयर तो बनता ही है.