खुले में शौच करना शर्म की बात है। आज हम आपको UK (ब्रिटेन) के छात्रों के द्वारा बनाया गया कमाल के महिला शौचालय के खासियत और जरूरत के बारे में बताएंगे ।
ब्रिटेन के छात्रों ने किया कमाल ।
यह कमाल किया है ब्रिटेन के छात्रों ने। उन्होंने कमाल का महिला शौचालय बनाया है। इन छात्रों ने अपने मास्टर्स प्रोजेक्ट में महिलाओं की निजी जिंदगी में हो रहे समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की है। महिलाओं को रोजाना हो रहे समस्याओं को उन्होंने बखूबी समझा और उसपे काम करना शुरू किया। इसमें वो कामयाब भी रहे।
कैसे आया है यह ख्याल?
इसके निर्माता एम्बर प्रोबिन और हेजल मैकशेन ने अपनी इस प्रोजेक्ट से पहले काफी रिसर्च किया। उन्हें ये आइडिया शहर में होने वाले म्यूजिक फेस्ट की तस्वीरों को देखकर आया, जहां हर साल हजारों की तादात में महिलाएं पहुंचती हैं लेकिन उनके लिए पर्याप्त और सुरक्षित टॉयलेट के इंतजाम नहीं होते हैं ।

स्वच्छता को ध्यान में रखकर बनाया गया।
यह लेडीज टॉयलेट पूरी तरह हैंड्स फ्री है, जो पारंपरिक यानी पुराने लेडीज टॉयलेट से 6 गुना स्वच्छ, सुरक्षित और प्रभावशाली है। उनकी स्टडी के मुताबिक सार्वजनिक जगहों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए कम टॉयलेट्स होते हैं। वहीं महिलाओं की लाइन पुरुषों की लाइन की तुलना में 34 गुना अधिक लंबी होती है। क्योंकि औसतन पुरुषों के 10 पब्लिक टॉयलेट्स के बीच महिलाओं के लिए ऐसी जगहों पर सिर्फ एक लेडीज यूरीनल बना होता है।
सफाई पर ज्यादा ध्यान।
ऐसे में महिलाएं सफाई पर ध्यान नहीं देतीं और गंदगी का शिकार हो जाती हैं। जिससे उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं मंथली पीरियड्स के दौरान उन्हे सार्वजनिक टॉयलेट में और ज्यादा समय लगता है। इस वजह से भी ये एक ऐसा ईजाद है जिसमें हर पहलू का ध्यान रखा गया है।
शौचालय को अलग रुप देने की कोशिश।
इस शौचालय को अलग रुप देने की कोशिश की गई है। लॉक होने वाले टॉयलेट में ज्यादा समय लगता है और उस दरवाजे के हैंडल को खोलने और बंद करने में भी वायरस महिलाओं के हाथ में आ सकता है ।ऐसे में उनका ये ओपन प्रोटोटाइप पूरी तरह सेफ है जिसमें बाहर से सिर्फ किसी पुरुष या महिला के शरीर का उपरी हिस्सा ही दिखता है। ये खोज उन महिलाओं के लिए ‘फास्ट-ट्रैक’ टॉयलेट जैसी है, जो कहीं भी और कभी भी बिना किसी परेशानी और झिझक के इस नेचुरल कॉल से निपटना चाहती हैं।