यदि मनुष्य की चाहत सिर्फ मंजिल पाने की हो और हौसला बुलंद हो तो उसे किसी प्रकार की लालाच मार्ग से नही भटका सकता है। उसके सामने कितनी भी बड़ी कठिनाइयां आ जाए वह विचलित नहीं होता है।
उपयुक्त बाते SSP तिरुपति की कहानी से मिलती जुलती है। उनकी चाहत IPS बनने की थी इसीलिए उन्होंने बहुत सारे सरकारी नौकरियों के साथ इसरो के वैज्ञानिक बनने का ऑफर भी ठुकरा दिया और IPS बनकर अपने सपनों को पूरा कर दिखाया उनके IPS बनने का सफर दूसरे के अंदर विश्वास बढ़ाने वाला है। यह जानते हैं उनके सफर के बारे मे…..
IPS तृप्ति भट्ट की पहचान
आईपीएस तृप्ति भट्ट का घर अल्मोड़ा जिले में है तथा उनका सम्मान देख शिक्षक परिवार से है। वह शुरू से ही”आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थी”
तृप्ति भट्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है पंतनगर से प्राप्त की है। B .tech करने के बाद उनको बहुत सारे सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं ने जॉब का ऑफर दिया। इसरो (ISRO) द्वारा तृप्ति को वैज्ञानिक बनने का ऑफर आया था परंतु उनका एकमात्र लक्ष्य था आईपीएस बनना। तृप्ति सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी के लिए सभी जॉब के ऑफर को ठुकरा दिया

वह एकमात्र सिविल सर्विसेज की तैयारी करने मे लगी रही। उनका कठिन परिश्रम और तमाम संघर्ष ने अंत मे वर्ष 2013 मे उनको यूपीएससी की परीक्षा में सफलता दिलाई और उनका चयन IPS (Indian police service) मे हो गया। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग देहरादून(Dehradun) के विकास नगर में हुआ, वहां पर उन्होंने खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल के अंदर भेजा।
उन्हें स्कॉच अवार्ड दिया गया
IPS तृप्ति भाटी कहां पर दिनों तक SDRF के साथ-साथ एसएसपी के पद पर उत्तराखंड के चमेली जिला में कार्य करती रही। तृप्ति भट्ट को साल 2020 मे कोरो’ना काल मे SDRF द्वारा किया गया अच्छे कार्य के लिए स्कॉच अवार्ड से नवाजा जा चुका है। तृप्ति भट्ट ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए उत्तराखंड पुलिस तथा एसडीआरएफ की सहायता कर मानवता की खूबसूरत मिसाल पेश की है। तृप्ति बांटना स्कॉच अवार्ड प्राप्त कर सभी उत्तराखंड वासियों को गौरवान्वित होने का मौका दिया है।

आपको बताना चाहते हैं कि उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों को कुछ ही समय पहले नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईपीएस तृप्ति भट्ट को जब से टिहरी गढ़वाल(Tehri Garhwal) के कानून व्यवस्था की कमान सौंपी गई है एक्शन मूड में नजर आ रही है। IPS तृप्ति भट टिहरी जिले में नई कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ पुलिस कर्मियों की फिटनेस के ऊपर भी ध्यान दे रही है।
वैदिक ज्ञान तृप्ति भट्ट के इस जलबे को सलाम करता है अगर आपको भी तृप्ति की यह कहानी अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।