गरीबी एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो किसी के जीवन में निराशा, दुख और दर्द लाती है। आज हम आपको एक ऐसी ही वृद्ध महिला के बारे में बताएंगे जो लगातार गरीबी से जूझ रही है। गरीबी इस कदर उस महिला पर सवार है कि उसे शौचालय में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। आइये जानते उस महिला की स्थिति के बारे में।
गरीबी के कारण शौचालय में रहना पड़ रहा है
वृद्ध महिला कौशल्या देवी और उनकी 8 वर्षीय पोती सपना कुमारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जो आर्थिक तंगी के कारण शौचालय में रहने को मजबूर हैं। नालंदा जिले से ली यह तस्वीर जो विकास के किसी भी किस्म के भ्रम और दावे को चकनाचूर करने के लिए काफी है। करायपरसुराय प्रखंड के दिरीपर गांव के बार्ड नंबर-3 बुजुर्ग महिला कौशल्या देवी और उनकी 8 वर्षीय पोती सपना कुमारी को एक घर तक नसीब नहीं है। आलम यह है कि शरीर को झुलसाने वाली गर्मी से बचाने के लिए दादी और पोती एक सार्वजनिक शौचालय में दिन गुजार रही हैं।

घर-घर भीख मांगने पर मजबूर।
उनके 10 साल की पोती के सिर से माता पिता का साया पहले ही उठ चुका है। लाचार दोनों दादी पोती अपने गांव में घर-घर भीख मांगकर जीवन यापन कर रही हैं। परिवार के कमाऊ सदस्य के नहीं रहने के कारण मजबूरन भीख मांग कर किसी तरह से वो दोनों अपनी जिंदगी काट रही है। धूप और पानी से बचने के लिए दोनों शौचालय में रहकर अपना जीवन यापन कर रही है।
पैसे नही देने पर अधिकारियों ने काटा नाम।
सरकारी तंत्र के कारण आज कौशल्या देवी को यह दिन देखने को मिल रहा है। 2017 में आवास योजना में कौशल्या देवी का नाम आवास योजना में आया था। लेकिन, तत्कालीन आवास पर्यवेक्षेक ने आवास योजना का लाभ दिलाने के एवज में कौशल्या देवी से नकदी की डिमांड की थी। गरीब के कारण कौशल्या देवी पैसे नहीं दे पाईं। इसलिए शुद्धिकरण के बहाने इनका नाम काट दिया गया। कौशल्या देवी 75 वर्ष की हैं और उनकी पोती करीब 10 साल की हैं। कोई घर मे नही है जो इसकी कारवाई भी कर सके। आज कौशल्या देवी की यह स्थिति सरकार के तमाम दावों को फेल साबित कर रही है।

सरकार को संज्ञान लेने की आवश्यकता।
तत्काल सरकार को कौशल्या देवी और उनके जैसे गरीब लोगों के लिए आगे आना चाहिए। और उन्हें आवास योजना और तमाम दूसरे योजना जिसके ये दावेदार है। इसका लाभ सरकार को देना चाहिए। सरकार को घुस लेने वाले अधिकारियों पे तुरंत कारवाई करनी चाहिए।