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Friday, September 29, 2023

मरने से पहले ज़रूर देखिये मनोज वाजपेयी के इन 14 फिल्मों को, 10वां आपने पक्का नहीं देखा होगा

मनोज बाजपेयी ने स्टार्स के इस दौर में अपने शानदार अभिनय से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर मे अब तक दो नेशनल फिल्म अवार्ड और चार फिल्म फेयर अवार्ड जीता है। आज हम आपको उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों और वेबसीरिज के बारे में बताएंगे जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए। तो आइये नज़र डालते हैं उनके फिल्मी करियर पर….

मनोज वाजपेयी का जन्म 23 अप्रैल 1969 को नरकटियागंज, बिहार में हुआ था। वे बचपन से एक्टर बनना चाहते थे। मनोज बाजपेयी ने फिल्मी दुनिया में डेब्यू गोविन्द निल्हानी की फिल्म द्रोखाल से वर्ष 1994 में किया था। इसके बाद वाजपयी बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म बैंडिट क्वीन में नजर आये। लेकिन मनोज को हिंदी सिनेमा में पहचान फिल्म शूल से मिली। मनोज को हिंदी सिनेमा मे अपनी पहचान बनाने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा, लेकिन आज वह हिंदी सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ एक्टर्स की श्रेणी मे आते हैं। अब तक मनोज बाजपेयी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमे, कलाकार, दाउद, तम्मना, सत्या, प्रेम कथा, कौन, शूल, फिजा, दिल पे मत ले यार, पिंजर, एलओसी कारगिल, वीर-जारा, जेल आदि शमिल हैं।

फिल्मों से फैंस का दिल जीता।

मनोज अपने फिल्मों की बदौलत करोड़ो लोगों के दिल पर राज करते है। एक संघर्षपूर्ण जीवन जीने के बाद आज मनोज सफलता की बुलंदियों पर है । आइये जानते है उनके कुछ फिल्मों के बारे में जो दर्शकों के द्वारा काफी पसंद किए गए थे।

गैंग्स ऑफ वासेपुर।

गैंग्स ऑफ वास्सेपुर फिल्म की कहानी धनबाद के पास स्थित एक छोटे कस्बे वासेपुर पर आधारित है। ये कहानी है दो परिवारों की जिनमें बदले की भावना तीन पीढ़ियों से चली आ रही है। इस कहानी में धनबाद के कोल माइनिंग कस्बे को दर्शाया गया है, जहां का माफिया मुम्बई के अंडरवर्ल्ड से भी खतरनाक माना जाता है। इस फिल्म के बाद जो चीज इस फिल्म को खास बनती है वो है इसकी एक्टिंग यानी अभिनय। फिल्म में मनोज बाजपेयी और उनका अभिनय इस फिल्म की जान है। उनकी डायलॉग डिलिवरी का अंदाज, उनके लुक से लेकर उनका हर वो काम जो उन्होंने फिल्म में किया है । सरदार खान के चरित्र को उनके सिवाय कोई और नहीं कर सकता था।

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अलीगढ़।

शाहिद’ और ‘सिटी लाइट्स’ के बाद निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म “अलीगढ़’ बेहतरीन है। फिल्म का विषय और कास्टिंग उत्साहजनक है। इसमें मनोज बाजपेयी एक समलैंगिक प्रोफेसर की भूमिका निभा रहे हैं जिसे उसके लैंगिक झुकाव के कारण नौकरी से निकाल दिया जाता है। कहानी असल घटना पर आधारित है। राजकुमार राव एक पत्रकार की भूमिका में हैं। फिल्म में मनोज का अभिनय जबरदस्त है।

सत्या।

सत्या तीन जुलाई 1998 को रिलीज हुई थी ।इस फिल्म में मनोज का निभाया गया किरदार भीखू बॉलीवुड के आइकॉनिक रोल में से एक माना जाता है ।लेकिन सबसे द‍िलचस्प बात ये है कि मनोज को जब ये रोल ऑफर किया गया तब उन्होंने इसे करने से इंकार कर दिया था । मनोज वाजपेयी ने इस फिल्म में डायलॉग बोला था, मुंबई का किंग कौन, भीखू… म्हात्रे ।इस डायलॉग को फैंस आज भी नहीं भूले है।

शूल।

1999 में फिल्म शूल में मनोज वाजपेयी द्वारा निभाए गए किरदार समर प्रताप सिंह के लिये उन्हे फिल्मफेयर का सर्वोत्तम अभिनेता पुरस्कार मिला। फिल्म में मनोज बाजपेयी एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका में थे। फिल्म राम गोपाल वर्मा ने बनाई थी। इस फ़िल्म में मनोज का अभिनय लाजबाब है।

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पिंजर।

वर्ष 2003 में आई पिंजर विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी प्रामाणिक और मार्मिक फिल्म थी। अमृता प्रीतम के उपन्यास पिंजर पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया था। उस साल इसे राष्ट्रीय एकता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। मनोज बाजपेयी और उर्मिला मातोंडकर अभिनीत यह फिल्म उल्लेखनीय पीरियड फिल्मों में से एक है। मनोज वाजपेयी की यह फ़िल्म दर्शकों को खूब पसंद आई थी ।

ट्रैफिक।

मनोज बाजपेयी की फ़िल्म ट्रैफिक में मनोज वाकई में अपने किरदार की तह तक जाने का पूरा प्रयास किया है और वे अपने अभिनय में शत-प्रतिशत देते नजर भी आए है। कहानी एक बच्ची की जान बचाने के इर्द-गिर्द घूमती सी नजर आई। फिल्म की कहानी मुंबई की गलियों से शुरू होती है, जहां ट्रैफिक हवलदार रामदास गोडबोले (मनोज बाजपेयी) पर घूसखोरी का इलजाम होता है। इस फ़िल्म में मनोज का अभिनय लाजबाब है।

स्वामी।

स्वामी में मनोज का किरदार बेहद सामान्य है। कहानी में मनोज एक साधारण जीवन बिताने मुम्बई आते है । मनोज का अभिनय काबिले तरफ है । दर्शकों ने अगर यह फ़िल्म नही देखी है तो उन्हें जरूर देखनी चाहिए।

फ़िल्म 1971…

देश में लॉकडाउन के बीच एक बॉलीवुड फिल्म की खूब चर्चा हो रही थी। इसका नाम है 1971। यह फिल्म साल 2007 में रिलीज हुई थी और इसमें मनोज बाजपेयी, रवि किशन, दीपक डोबरियाल, कुमुद मिश्रा, पीयूष मिश्रा और मानव कौल जैसे सितारों ने काम किया था। लॉकडाउन के दिनों यह फिल्म एक बार फिर सुर्खियों में थी और इसे खूब देखा जा रहा था। यूट्यूब पर अपलोड करने के दो हफ्ते में ही फिल्म को 1.5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिल चुके थे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर इसकी जमकर तारीफ भी हो रही थी। आपको भी यह फ़िल्म जरूर देखनी चाहिए।

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राजनीति।

प्रकाश झा द्वारा निर्देशित यह एक पारिवारिक राजनीति ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म में रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल, नाना पाटेकर, मनोज वाजपेयी और कटरीना कैफ जैसे कई दिग्गज कलाकार हैं। यह फिल्म साल 2010 में आई थी, इस फिल्म को दर्शको ने खूब सराहा था और फिल्म आज भी लोगों द्वारा पसंद की जाती है। मनोज का अभिनय इस फ़िल्म में लाजबाब है।

कौन।

‘कौन ‘राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित 1999 की भारतीय मनोवैज्ञानिक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है, जिसे अनुराग कश्यप ने लिखा है और इसमें उर्मिला मातोंडकर , मनोज वाजपेयी और सुशांत सिंह ने अभिनय किया है। इसे हिंदी और तेलुगु में भी बनाया गया था। इस फ़िल्म में मनोज का अभिनय सराहनीय है।

चटगांव।

फ़िल्म में सूर्या सेन (मनोज बाजपेयी) ब्रिटिश राज के खिलाफ गांव वालों को एकजुट करने में लगे हुए है।
इस फिल्म की खास बात इसका रिसर्च है। फिल्म के आखिर में जिस तरह चटगांव आंदोलन के सभी क्रांतिकारियों के नाम स्क्रीन पर आते हैं, वह फिल्मकार की सह्दयता को दर्शाता है। मनोज का अभिनय इस फ़िल्म में देखने योग्य है।

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अक्स।

अक्स 2001 में बनी हिन्दी भाषा की अलौकिक शैली की रोमांचकारी फिल्म है। मुख्य भूमिका में अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन और मनोज वाजपेयी हैं जबकि इसका निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया है। मनोज ने इस फ़िल्म में अच्छा रोल किया है।

रोड।

रोड 2002 की भारतीय हिंदी -भाषा की रोड थ्रिलर फिल्म है, जो राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्मित और रजत मुखर्जी द्वारा निर्देशित है ।जिसमें मनोज बाजपेयी , विवेक ओबेरॉय और अंतरा माली ने अभिनय किया है। मनोज ने इसमें अपने अभिनय के दम पर फ़िल्म में जान फूंक दी है।

चक्रव्यूह।

चक्रव्यूह प्रकाश झा द्वारा निर्देशित 2012 की भारतीय हिंदी -भाषा की राजनीतिक एक्शन थ्रिलर फिल्म है ।जिसमें अर्जुन रामपाल ने मुख्य भूमिका में अभय देओल , ईशा गुप्ता , मनोज वाजपेयी और अंजलि पाटिल की सहायक भूमिकाएँ निभाई हैं। चक्रव्यूह का उद्देश्य नक्सलियों के मुद्दे पर एक सामाजिक टिप्पणी करना है। मनोज वाजपेयी की भूमिका इस फ़िल्म में लाजबाब है।

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तो ज़रूर देखिये इन फिल्मों को और इन फिल्मों में आपकी फेवरेट कौन सी है, कमेंट बॉक्स में हमे ज़रूर बताएं।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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