आजकल दुनिया इतनी विकसित हो गई है, कि हम तमाम चीजों को पीछे छोड़ते चले जा रहे हैं। पर कुछ ऐसी चीजें है जिसके बारे में न जानने के कारण अज्ञानतावश हम वह कार्य कर जाते हैं। आपने महसूस किया होगा कि आज के जमाने में एक नया ट्रेंड चला हुआ है शादी की सलगिरह हो या जन्मदिन लोग रात को 12 बजे ही मनाना पसंद करते हैं। पहले 12 बजने तक का इंतजार करते हैं उसके बाद बधाई देकर केक काटते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है ऐसा करना भारतीय शास्त्र में बहुत अशुभ होता है।
भारतीय शास्त्र के अनुसार रात 12 बजे जन्मदिन या कुछ भी मनाने से बहुत बड़ा अनिष्ट हो सकता है। क्योंकि रात के समय किसी भी चीज का जश्न मनाना आपके जीवन में खुशियों की बजाए परेशानियां ला सकता है। तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर 12 बजे बधाई देना या कुछ सेलिब्रेट करना क्यों शुभ नहीं माना जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है अनुचित
रात 12 बजे का समय केक काटने और शुभकामनाएं देने के लिए सही नहीं है। यह समय निशीथ काल कहलाता है, अर्थात प्रेत काल कहलाता है। इस समय को मध्यरात्रि का समय माना जाता है। यह समय भूत-प्रेतों का समय कहलाता है और इस समय में ऐसी ही शक्तियां सक्रिय रहती हैं।

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निशिध काल में किया गया शुभ कार्य कभी नही फलता
हम जहां रहते हैं वहां कई ऐसी शक्तियां होती हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं। पर यह होती हैं और हम पर बुरा प्रभाव भी डालती हैं। जिससे हमें शारीरिक और मानसिक दोनों परेशानी हो सकती हैं। निशीध काल में कुछ भी शुभ कार्य करने से वह फलते नहीं है।

जीवन में नुकसान हो सकता है
इस समय में शुभ कार्य करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियां जन्म ले सकती हैं। आपके उम्र में भी कमी आ सकती है। इस काल में खुशियां बिल्कुल नही मनानी चाहिए। निशीथ काल 12 बजे से रात्रि 3 बजे तक होता है। आमलोग इसे मध्यरात्रि या अर्धरात्रि कहते हैं।

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प्रातः काल सबसे बढ़िया समय
सुबह का जो समय होता है वह सबसे उत्तम माना गया है। सुबह के वक्त वातावरण शुद्ध रहता है। दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है और सूर्योदय के साथ अगर शुभ कार्यो को किया जाए तो इससे बढ़िया कुछ नही होता। सुबह के समय अगर आप जन्मदिन या किसी भी शुभ अवसर पर बधाई देते है तो यह फलदाई सिद्ध होता है। ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती है। इसलिए हमें भुल कर भी मध्यरात्रि में किसी को भी बधाई संदेश या केक नही काटना चाहिए।