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Wednesday, May 31, 2023

कभी क्लास में उड़ता था मजाक, लालटेन की रोशनी में पढ़कर बनीं IAS, सुरभि गौतम की कहानी है प्रेरणा

हौसला एक ऐसी चीज है जो इंसान को उसके सपने को पूरा करने में मदद करती है। जिसके पास यह हौसला है वह कठिन से कठिन बाधा को पार कर जाता है और उसकी मंजिल उसे मिल जाती है।

इस बात को आज सही साबित किया है IAS ऑफिसर सुरभि गौतम ने। जिन्हें कभी अपनी खराब इंग्लिश के लिए लोगों के ताने सुनने पड़े थे, उनका लोगों ने उपहास भी उड़ाया था लेकिन उन्होंने लोगों के मज़ाक उड़ाने की परवाह नहीं की और अपनी लगन और मेहनत से IAS बनने के सपने को साकार किया। लेकिन सुरभि गौतम के लिए IAS बनना उतना आसान नही था। उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्ष किए। आइए जानते हैं उनके बारे में।

सामान्य परिवार से सुरभि

सुरभि गौतम मध्य प्रदेश के सतना के छोटे से गांव की रहने वाली है। वह एक सामान्य परिवार से थी। उनके पिता एक वकील थे। बचपन से ही सुरभि पढ़ाई में अव्वल थीं। उन्होंने शुरूआती शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उनकी पढ़ाई लिखाई हिंदी मीडियम के हुई।

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बीमार रहकर भी पढ़ाई नही छोड़ा

सुरभि का पढ़ाई के प्रति काफी लगाव था पर इसी बीच उनके जोड़ों में रह-रहकर दर्द उठने लगा था, पर वह उसे नजरअंदाज करती रहीं। धीरे-धीरे यह उनके पूरे शरीर में फैल गया। चेक करने के बाद डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ‘रूमैटिक फीवर’ हुआ है। इन सभी चीजों के बीच उन्होंने पढ़ाई करना जारी रखा। सुरभि को दसवीं में अच्छे अंक मिले।

अंग्रेजी के कारण मजाक उड़ा

कक्षा 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद सुरभि गौतम ने एक स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा पास की। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह थोड़ी अंग्रेजी में कमजोड थीं। सुरभि जब स्कूल से निकलकर कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल एकदम अलग था। वो हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके गई थी। लेकिन कॉलेज में अधिकतर छात्र-छात्राएं इंग्लिश बोलते थे। सुरभि को अंग्रेजी बोलने में परेशानी होती थी तो स्टूडेंट उनका मज़ाक उड़ाते थे।

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अंग्रेजी सीखने की ठानी

परीक्षाएं अंग्रेजी में होने के कारण उन्होंने यह ठान लिया कि वह अंग्रेजी सिख कर रहेंगी। उन्होंने रोजाना दिन में कम से कम 10 इंग्लिश के शब्द सीखने शुरू किए। वो दीवारों पर लिखकर शब्दों को याद करने लगी। यहां तक की सपनों में भी वो खुद को अंग्रेजी में बात करते हुए देखने लगी। देखते ही देखते उन्होंने अपनी इस कमजोरी पर काबू पा लिया।

आईएएस की परीक्षा पास किया

अपनी ज़िंदगी में सभी परीक्षाओं को पास करते हुए साल 2016 में देश का सबसे कठिन माने जाने वाले यूपीएससी परीक्षा में सुरभि ने अपने पहले प्रयास में 50वीं रैंक हासिल किया अपने पहले ही प्रयास में आईएएस बनकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि हौसलों की उड़ान बहुत ऊंची होती है और इससे अपने सपने को पूरा किया जा सकता है।

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अगर आपको भी सुरभि गौतम की कहानी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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