हमारे देश में अभी भी बहुत से ऐसे लोग है जो जाति के आधार पर लोगों में भेदभाव करते है। वर्षों से जाति और भेदभाव का विरोध भी होते आ रहा है। हालांकि, देश की सामाजिक और राजनीतिक प्रणाली पर अभी भी इसकी मजबूत पकड़ है। आज हम आपको सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं एक ख़बर के बारे में बताएंगे जिसमें एक शिक्षक ने अपने एक दलित छात्र को बहुत पीटा जिसके बाद उसकी मौ’त हो गई। आइए जाने क्या है पूरी ख़बर
जाती के आधार पर लोगों का विभाजन करना एक कुप्रथा है जो भारत (India) में वर्षो से चली आ रही है और वर्तमान में भी राजनीतिक एवं सामाजिक प्रणाली पर इसकी मजबूत पकड़ है। लोगो के शिक्षित होने के कारण अब हमारे समाज से इन कुप्रथाओं का उठाव हो रहा हैं लेकिन हर क्षेत्र में इनकी मजबूती के कारण इन्हें पूरी तरह खत्म होने में अभी भी वर्षो लगेंगे।
शिक्षक के पीटने से बच्चे की हुई मौ’त
सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हो रहा यह घटना राजस्थान (Rajasthan) के जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव की है। दरअसल मामला यह है कि दलित छात्र ने स्कूल में पानी की मटके को छू दिया था जिसके वजह से उसके टीचर ने उसे बहुत पीटा और बच्चे की मौ’त हो गई। बच्चे की पिटाई कुछ इस तरह की गई थी कि बच्चा बच नहीं पाया और उसकी मौ’त हो गई। बच्चे का इलाज पिछले 24 दिनों से अहमदाबाद में चल रहा था।
बच्चे की हो गई हालत गंभीर
इस बच्चे का नाम इंद्र मेघवाल (Indra Meghval) था। इंद्र तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 वर्ष के छात्र थे। बच्चे के पिता देवाराम (Devaram) शिक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि 20 जुलाई को उनके बेटे ने पानी के मटके को छू दिया था जिसके वजह से उसके टीचर छैल सिंह (Chhail Singh) ने उसे इतना मारा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और हालत गंभीर होने के साथ उनकी मौ’त हो गई।
शिक्षक ने जातिवाद के नाम पर छात्र को पीटा
यह मामला पुलिस (Police) तक पहुंच गया है और पुलिस ने इस मामले को एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) में दर्ज कर लिया है। इंद्र के पिता शिक्षक पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उनके बेटे को जातिवाद के नाम पर पीटा गया। मीडिया रिपोर्ट्स (Media Reporters) के मुताबिक अन्य सामान्य दिनों की तरह ही 20 जुलाई को इंद्र स्कूल गया था। गर्मी अधिक होने के कारण करीब 10:30 बजे उसे जोड़ों की प्यास लगी जिसके बाद उसने स्कूल में रखी मटकी से पानी पी लिया।
जातिसूचक शब्दों का किया प्रयोग
बच्चे को नहीं पता था कि इस मटकी को उसके स्कूल के शिक्षक छैल सिंह के लिए रखा गया है जिससे सिर्फ छैल सिंह ही पानी पी सकते हैं। मटके से बच्चे की पानी पीने की खबर जब शिक्षक छैल सिंह को मिली तब उन्होंने बच्चों को जमकर पीटा। बच्चे को इतनी बुरी तरीके से पीटा गया था कि उसके दाहिनी आंख और कान पर अंदरूनी चोटें भी आई थी। उन्होंने उस बच्चे को पीटते हुए जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया था।
अस्पताल में बच्चे को कराया गया भर्ती
पहले तो सब को लगा कि बच्चे को हल्की चोट आई है लेकिन धीरे-धीरे इंद्र की हालत खराब होने लगी और उसे जालोर डिस्टिक हॉस्पिटल (Jalore District Hospital) में एडमिट (Admit) कराया गया लेकिन इंद्र की तबीयत बहुत ही खराब थी जिसकी वजह से उसे जालौर से उदयपुर (Udaipur) रेफर कर दिया गया था। उदयपुर जाने के बाद भी उसके तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ जिसके कुछ दिनों बाद उसे अहमदाबाद (Ahmedabad) ले जाया गया लेकिन इंद्र की हालत तब तक बहुत ही खराब हो चुकी थी और करीब 11:00 बजे शनिवार को इलाज के दौरान ही इंद्र की मौ’त हो गई।
पुलिस ने शिक्षक किया गिरफ्तार
इंद्र की जब जांच की गई तब जांच के दौरान पता चला कि पिटाई के कारण बच्चे की कान की नस फट गई थी जिसके वजह से बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद शिक्षक छैल सिंह को सायला पुलिस (Sayla Police) ने गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है और पूछताछ कर रही है।