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Thursday, May 2, 2024

महिला शक्ति का उदाहरण पेश करते हुए गाय के तबेले से जज तक का सफ़र: प्रेरणा

कहते हैं नारी जहां पूजी जाती है, नारी का जहां सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। नारी किसी भी जगह को स्वर्ग बना सकती है, वह चाहे तो किसी को भी अपने प्रताप से उसकी मंजिल तक पहुचा सकती है और खुद चाहे तो वह अपनी मंजिल खुद तय कर सकती है।

राजस्थान की सोनल ने किया यह कारनामा

ऐसा ही कुछ कारनामा किया है राजस्थान के उदयपुर जिला के प्रताप नगर की रहने वाली सोनल शर्मा ने। सोनल का जन्म 7 दिसम्बर 1993 को हुआ था। इनके पिता का नाम ख्यालीलाल शर्मा तथा मां का नाम जसबीर है। सोनल के पिता डेयरी चलाते हैं। डेयरी के काम में अपने पिता की मदद करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई को भी पूरा किया ।सोनल अपने पिता की मदद भी करती थी और साथ मे पढ़ाई भी।गाय की सेवा से लेकर अपनी पढ़ाई भी सुचारू रूप से पूरा करती गई। पूरी लगन से पढ़ाई कर वह साल 2018 के आरजेएस परीक्षा में सफल हुई। सबसे ख़ास बात यह है कि आज वह जज बनने वाली है। वह राजस्थान में एक सत्र अदालत में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात होंगी।

सोनल कई पुरस्कार भी अर्जित कर चुकी है।

सोनल शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। उन्होंने स्कूल से लेकर आज तक के सफर में कई मेडल हासिल किए है। वह महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल भामाशाह अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं। वह BA, LLB और LLM की परीक्षा में प्रथम स्थान पर रही थी। जो कि उनके परिवार व समाज के लिए गर्व की बात है।

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