किसी भी गांव को विकशित करने में वहां के जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अगर कोई जनप्रतिनिधि अपने गांव के विकास (Development Of Village) में योगदान नही देता तो वह गांव विकसित नही हो पाता है। वहीं अगर जिस गांव के जनप्रतिनिधि गांव की सेवा में दिन-रात लगे होते हैं वहां विकास जरूर होता है।
आज हम आपको महाराष्ट्र (Maharashtra) के रहने वाले पोपटराव बागुजी पवार (Popatrao Pawar) के बारे में बताएंगे जो 20 सालों से गांव की सेवा में लगे हुए हैं। वह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की एक ग्राम पंचायत हिवरे बाज़ार के सरपंच हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
गांव को किया हरा-भरा
महाराष्ट्र के अहमदनगर (Ahmednagar) जिले के एक छोटे से हिवरे बाज़ार में साल 1989 में बारिश ना होने के चलते अकाल पड़ गया था। जिसके चलते पूरा गांव सूख गया था। गांव में पानी की कमी की वजह से खेती भी नहीं हो रही थी। उसी समय पोपटराव बागुजी पवार ने गांव के सरंपच का पद संभाला और गांव की स्थिति ठीक करने के लिए जी जान से जुट गए। उन्होंने सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ गांव वालो को पहुंचाया और पेड़ लगाने का काम शुरू करवाया।

सूखे की स्थिति खत्म
पोपटराव पवार ने गांव में पड़े सूखे की स्थिति से निपटने के लिए और पानी बचाने के लिए कई नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए। पानी का सही उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक किया। ताकि गांव वालों को पानी की समस्या से नहीं गुजरना पड़े। बागुजी पवार ने गांव के विकास के लिए पिछले 20 साल में हजारों पेड़-पौधे लगाकर हिवरे बाज़ार को एक ‘ग्रीन मॉडल विलेज (Green Model Village) बनाया है। पिछले 20 सालों में पवार के द्वारा किए गए कार्यों की बदौलत आज गांव में 294 से ज्यादा कुएं हैं।

गांव में जागरूकता अभियान
बीते क’रोना काल में उनके गांव के एक व्यक्ति में भी को’विड के लक्षण दिखते थे तो उन्हें तुरंत ही पास के ट्रेनिंग स्कूल में क्वारंटीन किया जाता था। उनके संपर्क में उस दौरान जितने भी लोग आए थे, उन्हें भी अलग कर दिया गया। इन सभी का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया गया था। जब तक कि उसके रिजल्ट आते थे वह रैपिड एंटीजेन टेस्ट भी करवाते थे। यही कारण हुआ कि उनका पूरा गांव कोविड से मुक्त था। प्रधानमंत्री मोदी (PM MODI) भी उनके इस कार्य की प्रशंसा कर चुके हैं।

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सरकार ने किया सम्मानित
पोपटराव बागुजी पवार अपने सामाजिक कार्यों की बदौलत पद्मश्री (Padma shri) से सम्मानित हुए हैं। पवार जब से गांव के सरपंच बने हैं तभी से वो यहां कई डैम, बांध और साफ पानी जमा करने के टैंक बनवा चुके हैं। पवार उसके बाद से लगातार सरपंच का चुनाव जीतते आए हैं। उन्होंने डैम बनाएं, साफ पानी और स्ट्रीटलाइट लगाने की योजना में सहयोग दिया और खुले में शौच पर प्रतिबंध लगाया है। इन प्रयासों से गांव वालों की आमदनी भी बढ़ी है और पहले जो लोग इन सभी कामों के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा है।
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