40.7 C
New Delhi
Sunday, May 19, 2024

ये हैं देश के सबसे छोटे, बड़े नाम वाले रेलवे स्टेशन, नाम सुनकर चकरा जाएगा सिर

भारत में कुल 8338 रेलवे स्टेशन हैं। अगर भारत की बात करें तो इसका स्थान एशिया में दूसरे नंबर पर एवं दुनिया में चौथे नंबर पर सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप में है। आज हम आपको देश के सबसे बड़े नाम वाले रेलवे स्टेशन, सबसे छोटे नाम वाले रेलवे स्टेशन, सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन एवं भारत का पहला रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में।

भारत का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन

देश का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्थित गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) है। गोरखपुर रेलवे प्लेटफॉर्म की लंबाई 4483 फिट यानी की 1366.33 मीटर है। गोरखपुर के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म का नाम विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म के रूप में दर्ज है।

Internet

भारत का सबसे बड़ा नाम वाला रेलवे स्टेशन

भारत का सबसे बड़ा नाम वाला रेलवे स्टेशन Venkatanarasimharajuvaripeta रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन भारत के आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में स्थित है। यह तमिलनाडु बॉर्डर (Tamilnadu Border) से सटा हुआ है। इसकी स्पेलिंग कुल 28 अक्षरों की है। आम तौर पर स्थानीय लोग इस रेलवे स्टेशन के नाम को “श्री” लगा कर बोलते एवं कहते है जिससे इसके नाम में 3 अक्षर और जुट जाते है और इस रेलवे स्टेशन का नाम और भी लंबा हो जाता है।

Internet

दुनियां का सबसे छोटा नाम वाला रेलवे स्टेशन

दुनियां का सबसे छोटा नाम वाला रेलवे स्टेशन “IB” रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन का नाम शुरू होते ही खत्म हो जाता है। इस रेलवे स्टेशन का नाम में सिर्फ दो ही अक्षर है। “IB” नदी एक महानदी की सहायक नदी है जिस पर इस रेलवे स्टेशन का नाम रखा गया है। इस रेलवे स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यह रेलवे स्टेशन भारत का सबसे छोटा नाम वाला रेलवे स्टेशन है।

Internet

यह भी पढ़ें: डियर सर “मजा नहीं आ रहा” शख्स ने यह लिखकर बॉस को भेज दिया इस्तीफा- देखिए वायरल तस्वीर

भारत का पहला रेलवे स्टेशन

मुंबई (Mumbai) में स्थित बोरीबंदर (Boribandar) भारत का पहला रेलवे स्टेशन था। भारत की सबसे पहली यात्री रेल मुंबई के इस रेलवे स्टेशन से पुणे (Pune) तक चली थी। इस रेलवे स्टेशन को “Great Indian Peninsular Railway” द्वारा बनाया गया था। 1888 में “विक्टोरिया टर्मिनस” के रूप में इसे दोबारा बनाया गया।

Internet

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

Related Articles

Stay Connected

95,301FansLike
- Advertisement -