पढ़ाई को लेकर आए दिन नए नए अविष्कार होते रहते हैं। ऐसा ही कुछ आजकल नया देखने को मिल रहा है। मुंबई के एक स्कूल में रोबोट को साड़ी पहन कर बच्चे को पढ़ाते देखा गया है। आइए जाने इस रोबोट शिक्षक के बारे में।
पढ़ाने वाली रोबोट का नाम शालू है।
दरअसल, इस रोबोट टीचर का नाम ‘शालू’ (Shalu) है। इन दिनों मुंबई के एक स्कूल में रोबोट टीचर (Robot Teacher) सुर्खियां बटोर रही है। केंद्रीय विद्यालय, IIT बॉम्बे के दिनेश कुमार पटेल (Dinesh Kumar Patel) एक कंप्यूटर साइंस टीचर हैं और उन्होंने दुनिया का पहला सामाजिक और शैक्षिक ह्यूमनॉइड रोबोट शालू को विकसित किया है।
प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस
आपको बता दें कि, रोबोट शालू को कार्डबोर्ड और बाकी वेस्ट मटेरियल से बनाया गया है। प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है जिसमें पिछले कुछ सालों से शिक्षा के क्षेत्र में भारत का नाम भी आगे बढ़ रहा है। एक राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) सर्वेक्षण के अनुसार देश की साक्षरता दर की बात की जाए तो 77.7% है।

देश के छात्र बढ़ रहे हैं आगे
हर क्षेत्र में देश के भिन्न भिन्न राज्यों से छात्र आगे बढ़ रहे हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर रहे हैं। इतना ही नहीं जहां छात्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की ओर अग्रसर हो रहे हैं वही भारत भी उन्हीं देशों में शामिल हो रहा है। जहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास कई स्तर पर हो रहा है। इसी बीच मुंबई के एक खबर के अनुसार मुंबई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial Intelligence) सिस्टम को शुरू किया गया है।
तकरीबन 5 वर्षों की मेहनत के बाद बनाया गया इस रोबोट को
टेक्नोलॉजी की बात की जाए तो अक्सर दुनिया में नए-नए प्रकार के अविष्कार होते रहते हैं ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत ही महत्वपूर्ण अविष्कार है। आपको जानकर हैरानी होगी की शालू नाम की इस रोबोट को बनाने में तकरीबन 5 वर्षों का समय लगा बड़ी मेहनत और लगन के साथ इसे तैयार किया गया है।
कम खर्चे में तैयार किया गया है यह रोबोट
हालांकि, इस रोबोट के खर्चे की बात की जाए तो इसे बनाने के लिए घर के खराब और बेकार चीजों का इस्तेमाल किया गया है। यह दुनिया के किसी भी रोबोट की तुलना में बहुत कम खर्च में तैयार किया गया है। तथा इसको विकसित करने वाले दिनेश पटेल ‘शालू’ नाम के इस रोबोट को अपनी बेटी मानते हैं।

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#Deshhit: रोबो टीचर शालू मैम की पाठशाला #Technology @ashwinipande @aditi_tyagi pic.twitter.com/e9C5NCJRTq
— Zee News (@ZeeNews) September 7, 2022
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पढ़ाई के दौरान तुरंत ही देती है बच्चों के सवालों का जवाब
इसकी खासियत की बात की जाए तो ‘शालू रोबोट’ बच्चों को 6 से भी अधिक विषय पढ़ाने में सक्षम है और देश में बोले जाने वाली 9 भाषाओं में बच्चों को पढ़ा सकती हैं। इतना ही नहीं बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी शालू तुरंत दे देती है। और यह दुनिया के तकरीबन 38 भाषाओं में बात करने में सक्षम है।
बच्चों को सरकारी भाषा पढ़ाने को सक्षम है यह रोबोट
यह रोबोट दुनिया की पहली रोबोट है जो छात्रों को 47 भाषाओं में पढ़ाने में सक्षम है। हालांकि, अभी तक हमारे देश में रोबोट की पढ़ाने वाली क्लास की शुरुआत नहीं की गई है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां छात्रों को रोबोट द्वारा पढ़ाया जाता है लेकिन अब भारत में भी रोबोट से पढ़ाने की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।