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Monday, May 20, 2024

आखिर शिवजी पर क्यों नहीं चढ़ाया जाता है तुलसी का पत्ता, लोककथाओं द्वारा जानिए अद्भुत रहस्य

हमारे देश में तुलसी के पौधे को देवी माना जाता है। इसीलिए प्रत्येक पूजा-पाठ में विशेष रूप से इसका प्रयोग किया जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भगवान शिव पर तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाया जाता है। आइये जसनते हैं क्या है इसके पीछे का रहस्य?

Tulsi and shiva story in hindi – एक प्रचलित पौराणिक कथा के मुताबिक जलंधर नामक एक राक्षस था जिसका जन्म शिवजी के ही अंश से हुआ था। उसने अपने बुरे कर्मों के वजह से राक्षस कुल में जन्म लिया था। जलंधर नामक इस राक्षस का विवाह वृंदा के साथ हुआ। दरअसल माता तुलसी ही पिछले जन्म में वृंदा थीं। राक्षस की पत्नी होते हुए भी वृंदा पतिव्रत और सहज स्वभाव की थी। वृंदा के पतिव्रता होने से जलंधर का वध करना संभव नहीं हो पा रहा था।

जन कल्याण के लिए उस जलंधर नामक राक्षस का वध आवश्यक था। इसके लिए भगवान विष्णु ने एक उपाय निकाला। सबसे पहले उन्होंने जलंधर का स्वरूप बनाकर वृंदा के पत्नी धर्म को तोड़ दिया। लेकिन जब वृंदा को भगवान विष्णु द्वारा किए गए इस छल की जानकारी हुई, तब उन्होंने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया। कोई उपाय न देखते हुए भगवान विष्णु ने वृंदा को जलंधर राक्षस के अत्याचारों से अवगत कराया। उन्होंने वृंदा को बताया कि लोगो की रक्षा करने हेतु ही उन्होंने यह स्वरूप बनाया और छल किया।

पतिव्रता धर्म तोड़ने के कारण वृंदा को लकड़ी बनने का श्राप मिला। वो एक क्षण में ही तुलसी का पौधा बन गई। इसके तत्पश्चात जलंधर राक्षस का वध भगवान शिव के द्वारा संभव हुआ एवं सभी लोगों को उसके अत्याचार से छुटकारा मिला।

शिवजी के हाथों जलंधर का वध और विष्णु जी के द्वारा श्रापित होने के कारण हमारे महादेव के पूजा में तुलसी का कोई स्थान नहीं है।

दूसरा कारण यह भी बताया जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु जी की पत्नी हैं, इसीलिए भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी हमेशा साथ रहती है। लेकिन शिवजी विष्णुजी से श्रेष्ठ माने जाते हैं इसी वजह से तुलसी शिवजी को नहीं चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि अपनी कठोर तपस्या के कारण ही तुलसी ने विष्णुजी को पति रूप में प्राप्त किया था इसीलिए शिवजी हमेशा तुलसी से वंचित रहते हैं।

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Tulsi and lord shiva – वैदिक ज्ञान के माध्यम से हमने आपको तुलसी और भगवान शिव से जुड़ी लोककथा के बारे में बताया। इस पोस्ट को शेयर करके आप इस के बारे में और लोगों को अवगत ज़रूर कराएं।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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